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Government’s efforts to promote natural farming | प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने सरकार के प्रयास: बनाई जा रहीं 50 हाईटेक नर्सरी; अधिक दाम देने वाली फसलों को किया जाएगा प्रोत्साहित – Indore News

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मध्यप्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों पर किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एंदल सिंह कंषाना ने बात रखी। उन्होंने बताया किसान कल्याण मिशन के तहत खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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कृषि विकास बोर्ड, कृषि कल्याण मिशन, मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना, रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना आदि किसानों के लिए मददगार हैं। कृषि उत्पादन में निरंतर अग्रणी प्रदेश सात बार कृषि कर्मण अवॉर्ड प्राप्त कर चुका है।

उन्होंने बताया प्रदेश में 50 हाइटेक नर्सरी बनाई जा रही हैं। इनके कुशल प्रबंधन के लिए ई-नर्सरी पोर्टल भी तैयार किया गया है। देश में पहली बार राज्य सरकार ने सोयाबीन का 4 हजार 892 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर उपार्जन करने का निर्णय लिया।

लगभग 2 लाख किसानों से प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उपार्जन कर 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि का भुगतान किया गया।

किसानों के लिए हितकारी बन रहीं योजनाएं

  • प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड : प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए का बोर्ड का गठन किया गया है। इसके पोर्टल पर अब तक 72,967 किसानों ने पंजीयन करवाया है।
  • मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना : पिछले साल 81 लाख से अधिक किसानों को 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी गई।
  • रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना : किसानों को प्रति क्विंटल 1 हजार रुपए की दर से अधिकतम 3900 रुपए प्रति हेक्टेयर की मदद मिल रही है। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए इस साल 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना : अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू है। कृषकों को सौर ऊर्जा के लाभ से लाभांवित करने के लिए प्रदेश में अस्थाई विद्युत कनेक्शन लेने वाले लगभग सवा लाख किसानों को सौर ऊर्जा के पम्प प्रदाय किये जाएंगे। अगले चार वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदाय कर किसानों को विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
  • किसानों को अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सिंचित क्षेत्र का रकबा अगले पाँच वर्ष में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
  • मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 26 लाख हेक्टेयर से अधिक है। संतरा, टमाटर, धनिया, लहसुन और मसाला उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम है।
  • बोनस : पिछले साल गेहूं के समर्थन मूल्य पर किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपए का अतिरिक्त बोनस दिया गया। हर पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना की जाएगी।
  • खरीफ- 2024 1.23 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज का वितरण किया गया। किसानों को उर्वरक प्रदाय करने के लिए केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही अमानक उर्वरक बेचने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने और उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोग शालाओं की भूमिका को सक्रिय बनाकर किसान हित सुनिश्चित किया गया।

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