[ad_1]

गर्मी के दौरान इंदौर की बिजली खपत मध्यप्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में सबसे अधिक होती है। इस साल अप्रैल-मई में बिजली की मांग 760 मेगावाट तक पहुंच सकती है, जो पिछले वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
.
बिजली खपत का कारण
- गर्मियों में घरेलू उपयोग बढ़ जाता है – शहर में 20 लाख पंखे, 6 लाख फ्रीज, 3 लाख कूलर और 2 लाख एयर कंडीशनर बिजली की भारी खपत करते हैं।
- छुट्टियों के दौरान बिजली की खपत और बढ़ती है, क्योंकि बच्चे घर पर रहते हैं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ज्यादा उपयोग होता है।
- औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियां भी जारी रहती हैं, जिससे खपत बढ़ जाती है।
बिजली मांग बढ़ने का गणित
- तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर हर 1 डिग्री बढ़ने पर 5 लाख यूनिट अतिरिक्त बिजली खपत होती है।
- अगर तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, तो बिजली मांग 760 मेगावाट होगी।
- अगर 44 डिग्री या अधिक हुआ, तो मांग 780 मेगावाट तक जा सकती है।
अन्य शहरों की गर्मियों में अधिकतम बिजली मांग (मेगावाट में)
- भोपाल – 550
- जबलपुर – 400
- ग्वालियर – 320
- उज्जैन – 240
- रतलाम – 123
- देवास – 120
हाल ही में आरडीएसएस की समीक्षा बैठक में प्रबंध निदेशक अनूप कुमार सिंह ने अतिरिक्त ट्रांसफार्मर और मेंटनेंस कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बिजली आपूर्ति सुचारू बनी रहे और गर्मी में उपभोक्ताओं को समस्या न हो।
इंदौर में अधिकतम बिजली मांग
| साल | मेगावाट |
| 2019 | 541 |
| 2020 | 400 |
| 2021 | 480 |
| 2022 | 595 |
| 2023 | 620 |
| 2024 | 723 |
| 2025 | 760 |
[ad_2]
Source link



