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शनिवार को इंदौर कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा बैठक की।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने पर शनिवार को महू क्षेत्र के दो पटवारियों और देपालपुर क्षेत्र के एक पटवारी को निलंबित कर दिया। निलंबित पटवारियों में नागेंद्र ग्वाले और आकाशदीप भरकुंडिया (दोनों महू) और अर्चना सा
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शनिवार को कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा बैठक की, जिसमें तीनों पटवारियों की लापरवाही उजागर हुई। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों का समय पर और आवेदकों की संतुष्टि सुनिश्चित करते हुए निराकरण किया जाएगा। इसके लिए सुशासन संवाद केंद्र की स्थापना की गई है, जो आवेदकों से फीडबैक लेकर उनकी संतुष्टि का स्तर निर्धारित करेगा। इस केंद्र ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है।
पिछले छह महीनों में निराकृत किए गए सभी राजस्व प्रकरणों से संबंधित प्रत्येक आवेदक से जानकारी ली जाएगी, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पूरी लगन, मेहनत, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य करें, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधा मिल सके।
कलेक्टर ने कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे कि आवेदकों को परेशान नहीं होना पड़े। उनका काम सहजता के साथ पारदर्शी रूप से समय पर हो। यह भी पता किया जाएगा कि आवेदकों को किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई है।
सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करें। उन पर नियंत्रण भी रखें। उन्होंने डायवर्शन सहित अन्य राजस्व बकाया वसूली पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि वित्तीय वर्ष के मात्र एक माह शेष है, लक्ष्य पूर्णता के लिए तेजी से काम करें। जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वसूली के लिए उन्होंने विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कम से कम एक करोड़ रुपए की राजस्व वसूली की जाएं।
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