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प्रदेश में सरकारी और स्वशासी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। गुरुवार को सिवनी जिला अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज किया।
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चिकित्सक महासंघ के डॉ. श्रीकृष्णा सूरोठिया और डॉ. लता मेहतो के अनुसार, मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। 22 फरवरी को डॉक्टर्स आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 24 फरवरी को सामूहिक उपवास के साथ एक घंटे का विरोध प्रदर्शन होगा। 25 फरवरी से प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
महासंघ लोक स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, श्रम, गृह और गैस राहत विभाग में कार्यरत 15,000 डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रमुख मांगों में उच्च स्तरीय समिति का गठन और सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ शामिल है।
डॉक्टरों की मांग है कि 4 अक्टूबर 2023 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ तत्काल दिया जाए। साथ ही समयमान और चयन वेतनमान के आदेशों को एक महीने में लागू किया जाए।
आंदोलन के दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। 22 फरवरी को चिह्नित अस्पतालों में अमानक दवाओं की सांकेतिक होली भी जलाई जाएगी। 25 फरवरी से प्रशासनिक असहयोग आंदोलन शुरू किया जाएगा।
देखिए आंदोलन से जुड़ी चार तस्वीरें




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