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ED officer related to Saurabh case investigation transferred | सौरभ केस की जांच से जुड़े ईडी अफसर का तबादला: ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेजों पर आगे पड़ताल के लिए दिल्ली से ‘सिग्नल’ का इंतजार – Madhya Pradesh News

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17 फरवरी को सौरभ, चेतन और शरद को ईडी ने कोर्ट में पेश किया। तीनों को 3 मार्च तक जेल भेज दिया गया।

परिवहन विभाग के करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस की जांच कर रहे ईडी अफसर तुषार श्रीवास्तव का दिल्ली तबादला हो गया है। विभागीय सूत्रों की दलील है कि ये सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। श्रीवास्तव के साथ 50 से ज्यादा अफसरों के ट्रांसफर हुए हैं।

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वहीं, केस की जांच में जुटे ईडी अफसर एक पॉइंट पर आकर अटक गए हैं। वे पसोपेश में हैं कि सौरभ के ठिकानों से ट्रांसफर-पोस्टिंग के जो दस्तावेज मिले हैं, उनके आधार पर संबंधित अफसरों से पूछताछ की जाए या नहीं? इसके लिए ईडी ने दिल्ली से मशविरा मांगा है।

ईडी ने 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद का लिंक तो डॉक्यूमेंट कर दिया है, लेकिन सौरभ से ये नहीं उगलवा पाई है कि ये किसका है? अब तक की जांच में ईडी ने जो प्रॉपर्टी सीज की हैं, उसका हिसाब देने के लिए ईडी ने सौरभ और उसके रिश्तेदारों-दोस्तों को 15 मार्च की डेडलाइन दी है। पढ़िए, रिपोर्ट…

तीन पॉइंट्स में जानिए ईडी ने अब तक क्या किया

1.हरे रंग की डायरी में मिले हिसाब की कड़ी जोड़ी ईडी को ग्वालियर सिटी सेंटर स्थित सौरभ के घर से एक हरे रंग की डायरी मिली थी। इस डायरी में 66 पन्ने हैं। इसमें टीएम और टीसी जैसे कोड वर्ड के आगे नंबर लिखे गए हैं। जांच एजेंसी को संदेह है कि ये नंबर इन लोगों को दिए गए रुपयों के हैं।

एजेंसी का संदेह इसलिए भी पुख्ता है, क्योंकि सौरभ के ठिकानों से परिवहन विभाग के ट्रांसफर-पोस्टिंग के दस्तावेज और सरकारी नोटशीट मिली है। साथ ही टोल नाकों के रसीद-कट्‌टे भी मिले हैं। ये सबूत भी मिले हैं कि सौरभ नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था।

सूत्रों का कहना है कि ईडी ने सौरभ से पूछताछ में इसे वेरिफाई भी कर लिया है। साथ ही शरद और चेतन से भी सारे सवाल पूछे हैं। अब उनसे सिर्फ ये वेरिफाई होना बाकी है कि उनकी प्रॉपर्टी के लिए भुगतान किसने किया था?

27 दिसंबर को ईडी अफसरों ने सौरभ के घर पर छापा मारकर कई दस्तावेज बरामद किए थे।

27 दिसंबर को ईडी अफसरों ने सौरभ के घर पर छापा मारकर कई दस्तावेज बरामद किए थे।

2. सौरभ से जुड़े सभी लोगों से 15 मार्च तक संपत्ति का हिसाब मांगा ईडी ने 94 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी की खरीदी का सौरभ, उसकी मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या, साले रोहित तिवारी, सुलभा तिवारी, चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और शरद की मां कृष्णा जायसवाल से जवाब मांगा है।

इनसे कहा गया है कि 15 मार्च तक वे बताएं कि उनके नाम पर जो-जो प्रॉपर्टी है, उसका भुगतान उन्होंने कैसे किया? ये पैसा कहां से आया? किसने दिया? उसके बैंक स्टेटमेंट भी मांगे हैं। सूत्र बताते हैं कि ईडी के अल्टीमेटम के बाद आरोपियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने हिसाब बनाना शुरू कर दिया है।

3.छापों में मिले दस्तावेज रिकॉर्ड पर लेगी ईडी ईडी के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि ईडी को छापों में जो भी संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, उन्हें वो रिकॉर्ड पर लेती है। इसके लिंक जोड़ने के बाद ही वो उस दिशा में जांच आगे बढ़ाती है। ईडी को जांच में जिस संपत्ति के भ्रष्टाचार से लिंक होने के प्रमाण मिलते हैं, वो उसे सीज करती है।

ईडी को दो और अहम जानकारियां मिलीं

1.जिस कार में सोना-नकदी मिला उसका ‘ड्राइवर प्यारे’ गायब लोकायुक्त, ईडी, इनकम टैक्स तीनों एजेंसियां पिछले दो महीने से इस पूरे मामले की जांच में जुटी हैं, लेकिन अब तक उस ड्राइवर ‘प्यारे’ का सुराग नहीं मिल पाया है, जो कार को सौरभ के घर से मेंडोरी के फॉर्म हाउस तक ले गया था।

सौरभ के मौसेरे दामाद विनय हसवानी से जब ईडी ने पूछताछ की, तो उसने बताया ‘प्यारे ने उसे फोन किया था कि सौरभ दुबई गए हैं, उसकी गाड़ी सुरक्षित रखवानी है।’ इस पर विनय ने उसे गाड़ी को फॉर्म हाउस पर रखने के लिए कहा था। प्यारे के साथ विनय भी खुद की गाड़ी से फॉर्म हाउस तक गया था। गाड़ी पार्क करने के बाद ड्राइवर प्यारे विनय के साथ लौटा था।

19 दिसंबर को सौरभ के घर से निकली गाड़ी मेंडोरा के फॉर्म हाउस तक गई थी।

19 दिसंबर को सौरभ के घर से निकली गाड़ी मेंडोरा के फॉर्म हाउस तक गई थी।

2. IT के छापे वाली रात सौरभ की मां भी गाड़ी देखने गई थीं विनय ने जांच एजेंसी को बताया है कि उसे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इस गाड़ी में सोना और नकदी रखा है। वह प्यारे को जानता था, इसलिए उसने गाड़ी रखने के लिए सुरक्षित ठिकाने के बारे में बताया था। इसके बाद से प्यारे का मोबाइल फोन बंद हो गया।

विनय ने अपने बयान में ये भी बताया है कि 19 दिसंबर की रात सौरभ की मां उमा शर्मा भी प्यारे को फोन लगा रही थीं, लेकिन प्यारे से संपर्क नहीं हो पाया। उसी दिन रात को उमा शर्मा के साथ विनय उस कार को देखने फॉर्म हाउस पर भी गए थे, लेकिन वहां हलचल देखकर वे वापस लौट आए।

इनकम टैक्स ने ईडी-लोकायुक्त से मांगी रिपोर्ट आयकर विभाग भी अब सौरभ, चेतन और शरद जायसवाल से पूछताछ की तैयारी में है। आयकर अफसर चाहते हैं कि तीनों की जमानत के बाद समन जारी कर उनसे पूछताछ की जाए लेकिन कोर्ट ने 14 दिन के लिए तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

ऐसे में अब आयकर विभाग ने लोकायुक्त पुलिस और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से पूरी जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ रुपए कैश मिलने के मामले में जांच को आगे बढ़ाया जा सके। आयकर विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगर यह जानकारी दोनों ही एजेंसियां सीधे नहीं देती हैं तो इसे कोर्ट के माध्यम से भी मांगा जा सकता है।

20 फरवरी को सौरभ की जमानत अर्जी पर सुनवाई सौरभ की जमानत अर्जी लोकायुक्त और ईडी की कोर्ट में दायर की गई है। लोकायुक्त कोर्ट ने 20 तारीख को इस अर्जी पर सुनवाई तय की है। जबकि ईडी ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। लोकायुक्त कोर्ट में सौरभ की ओर से तर्क दिया गया है कि इसमें जो भी जांच होनी थी, उसने पूरा सहयोग किया है। आवेदन में तर्क दिए गए हैं कि-

  • जिस कार से कैश–सोना बरामद हुआ, वो मेरे नाम पर नहीं है।
  • मैं सरकारी कर्मचारी नहीं हूं, इसलिए लोकायुक्त को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है।
  • जो संपत्ति मेरे नाम पर नहीं है, मैं उसका हिसाब कैसे दे सकता हूं।

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