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8वीं फेल, फटे कपड़े, 50 रुपये की मजदूरी… फिर बस एक आइडिया और अब हर महीने 2.5 लाख की कमाई!

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Kulfi Business आठवीं में माता-पिता का निधन हो गया और फटे कपड़ों में भानुदास मोरे को नासिक जाना पड़ा. अब अपने व्यवसाय से वे महीने में 2 लाख से अधिक कमा रहे हैं.

8वीं फेल, 50 रुपये की मजदूरी...फिर बस एक आइडिया और अब हर महीने 2.5 लाख की कमाई

मटका कुल्फी से हर महीने 2.5 लाख की कमाई

हाइलाइट्स

  • भानुदास मोरे ने कुल्फी व्यवसाय से हर महीने 2.5 लाख रुपये की कमाई की.
  • माता-पिता के निधन के बाद भानुदास ने नासिक में कुली का काम शुरू किया.
  • भानुदास ने दिल्ली में मटका कुल्फी बनाना सीखा और नासिक में व्यवसाय शुरू किया.

कुणाल दंडगवाल/नासिक: अगर आपके पास मेहनत और संघर्ष करने की तैयारी हो, तो आप कितनी भी बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकते हैं और बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं. नासिक के भानुदास मोरे ने आठवीं में फेल होने के बावजूद यह साबित कर दिखाया है. माता-पिता के निधन के बाद फटे कपड़ों में नासिक में रोजगार की तलाश में आए इस युवक की अब लाखों में कमाई हो रही है. खास बात यह है कि शुरुआत में 50 रुपये के लिए 12 घंटे काम करने वाले भानुदास ने अब कुछ लोगों को रोजगार भी दिया है. आइए, लोकल18 के माध्यम से उनकी कहानी जानें…

कुली का काम शुरू किया
भानुदास मोरे जब आठवीं में थे, तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया. इस कारण छोटी उम्र में ही घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. छोटे भाई-बहनों की देखभाल के लिए भानुदास फटे कपड़ों में नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर नासिक आ गए. नासिक में आठवीं फेल होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी, लेकिन भाई-बहनों की जिम्मेदारी और उनकी पढ़ाई के लिए उन्होंने हमाली यानी कुली का काम शुरू किया.

कड़ी मेहनत की और कुल्फी बनाना सीखा
हमाली का काम करते हुए भानुदास काम के लिए दिल्ली गए. वहां उन्होंने मटका कुल्फी बनाने का काम देखा और इसे सीखने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने कुछ दिन दिल्ली में ही बिताए. उस समय 12 घंटे काम करने पर 50 रुपये मिलते थे, लेकिन कुछ सीखने के लिए कुछ खोना पड़ता है, यह भावना उनके मन में थी. इसलिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और कुल्फी बनाना सीखा.

कुल्फी व्यवसाय की शुरुआत
बता दें कि भानुदास ने 2009 में दिल्ली छोड़कर फिर से नासिक का रुख किया. नासिक में जत्रा होटल के पास सड़क के किनारे ईशान मटका कुल्फी के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया. नया बिजनेस होने के कारण मेहनत अधिक करनी पड़ी. सुबह 5 बजे से ही तैयारी करनी पड़ती थी और दोपहर में दुकान लगानी पड़ती थी. शुरुआत में 10 लीटर दूध से शुरुआत की, लेकिन अच्छी स्वाद के कारण ग्राहकों की मांग बढ़ती गई.

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लाखों की कमाई
लोकल 18 से बात करते हुए भानुदास ने बताता कि अब वे रोजाना 400 लीटर दूध की कुल्फी बनाते हैं. इस कुल्फी की बिक्री दो आउटलेट्स से होती है. गंगापुर रोड पर दूसरा दुकान शुरू किया है. दोनों दुकानों से हर महीने 2 से 2.5 लाख रुपये की कमाई होती है. इसके अलावा, उन्होंने 6-7 लोगों को रोजगार भी दिया है. अब कुल्फी की मांग बढ़ गई है और वे फ्रेंचाइजी देने का भी विचार कर रहे हैं.

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