Success Story: मां-बाप को खोया, दादी भी चली गईं…घरों में सफाई करने के बाद सिपाही बनीं माधुरी

Agency:Local18
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Success Story: अमरावती की माधुरी सावंत ने माता-पिता और दादी को खोने के बाद भी हार नहीं मानी. दूसरों के घरों में बर्तन मांजकर पढ़ाई की और मेहनत के दम पर मुंबई पुलिस में सिपाही बन गईं.
माधुरी सावंत
प्रगति बहुरूपी/अमरावती: अमरावती के छोटे से गांव मोझरी की माधुरी सावंत ने अपनी जिंदगी में हर चुनौती को पार कर अपने सपनों को पूरा किया है. माता-पिता को बचपन में ही खोने के बाद उन्होंने अपने हौसले को टूटने नहीं दिया. दूसरों के घरों में बर्तन मांजकर पढ़ाई की, कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी. आज उन्हीं संघर्षों का नतीजा है कि माधुरी मुंबई पुलिस विभाग में सिपाही के रूप में शामिल हो चुकी हैं.
बचपन में ही माता-पिता का साया उठा
माधुरी की जिंदगी बचपन से ही संघर्षों से भरी रही. जब वह चौथी कक्षा में थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया. पिता के जाने के बाद मां गंभीर रूप से बीमार हो गईं और कुछ ही सालों में उन्होंने भी दुनिया छोड़ दी. मां-पिता के बाद माधुरी की देखभाल उनकी दादी ने की, लेकिन यह साथ भी ज्यादा समय तक नहीं रहा. दादी के गुजर जाने के बाद उनकी जिंदगी में और भी कठिनाइयां आ गईं.
बर्तन मांजकर पूरी की पढ़ाई
माधुरी की पढ़ाई का सफर आसान नहीं था. जब वह अकेली हो गईं, तो गांव की नर्स अल्का शिरसाट ने उन्हें सहारा दिया और हॉस्टल में दाखिला दिलाया, जिससे उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की. लेकिन इसके बाद पढ़ाई जारी रखना मुश्किल हो गया. तब उन्होंने दूसरों के घरों में बर्तन मांजकर पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए. हालांकि, इस दौरान उनके दोस्तों, पड़ोसियों और अल्का शिरसाट ने भी उनका पूरा साथ दिया.
पुलिस भर्ती के लिए खुद को दी सजा
माधुरी हमेशा से पुलिस में भर्ती होना चाहती थीं, लेकिन रास्ता आसान नहीं था. उन्होंने नागपुर में परीक्षा दी, लेकिन चयन नहीं हुआ. इस असफलता से वह इतनी निराश हो गईं कि खुद को सजा देते हुए हाथ पर जलते हुए निशान बना लिए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी में जुट गईं. दो साल की मेहनत के बाद आखिरकार उनका चयन मुंबई पुलिस में हो गया.
Mumbai,Maharashtra
February 14, 2025, 12:07 IST
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