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भोपाल साइबर क्राइम विंग ने देशभर में ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों की खरीद-फरोख्त का भंडाफोड़ किया है। केंद्र सरकार के जेएमआईएस पोर्टल के माध्यम से की गई इस कार्रवाई में भोपाल से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपी डिलीवरी
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ऐसे पकड़े गए आरोपी
दिल्ली और बेंगलुरु पुलिस ने जब ठगी के मामलों की जांच शुरू की तो उन्हें कुछ संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी मिली। यह डेटा जेएमआईएस पोर्टल पर अपडेट किया गया, जहां से भोपाल साइबर क्राइम विंग को इन खातों की जानकारी मिली। जब जांच की गई तो सामने आया कि ये खाते भोपाल से किराए पर दिए गए थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 12 बैंक खाता बेचने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

टेलीग्राम बना ठगों का अड्डा
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी टेलीग्राम ऐप के जरिए ठगों के संपर्क में आए थे। एक आरोपी तो बिहार तक जाकर साइबर ठगों से मिलता था और उन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराता था। अब पुलिस उसकी मदद से ठगों की लोकेशन ट्रेस कर रही है।

गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका
- करण वाल्मीकि: सफाई कर्मी, जिसने 10–10 हजार रुपए के लालच में तीन खाते बेचे।
- अरुण बोर्डे: डिलीवरी बॉय, जिसने चार बैंक खाते ठगों को सौंपे।
- तरुण राय: करण और अरुण का सहयोगी, जिसने इस काम में उनकी मदद की।
- सैयद अरशद: ग्रेजुएशन कर रहा छात्र, जो बिहार जाकर ठगों से मिलता और किराए के खाते बेचता था।
- आरिश खान: 10वीं पास आरोपी, जो म्यूल अकाउंट खोलकर ठगों को बेचता था।
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