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मप्र के पर्यटन स्थलों जैसे उज्जैन, महेश्वर और बुरहानपुर की ऐतिहासिक-पौराणिक गाथाएं लाइट-साउंड शो में वर्चुअल रूप में दिखाई जाएंगी। हाल ही में खजुराहो, ग्वालियर व पचमढ़ी के लाइट-साउंड शो को अपग्रेड किया गया है। जल्द महेश्वर, उज्जैन व जबलपुर में भी ऐसे
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प्राइवेट डेवेलपर्स की सहायता से चंदेरी, बुरहानपुर, ग्वालियर, खजुराहो और पचमढ़ी (सिंगल प्रोजेक्टर) के शो अपग्रेड हुए हैं। वहीं सांची, मांडू के शो 2019 में तो इंदौर का शो 2023 में शुरू हो गया था। अब पर्यटन निगम महेश्वर, उज्जैन और जबलपुर के शो पर काम कर रहा है।
जबलपुर में ग्वारीघाट पर म्यूजिकल फाउंटेन शो की तैयारी है। जहां वर्चुअल स्क्रीन पर शहर का इतिहास भी दिखेगा। नर्मदा नदी के तट पर निर्माण प्रतिबंधित होने के कारण पर्यावरण अनुमति लेने की प्रक्रिया जारी है।
3 डी इमेज व लेजर लाइट के जरिए खुले आसमान के नीचे किया जाएगा वर्चुअल प्रजेंटेशन
पहले हेलोजन लाइट्स और साउंड बॉक्स से आवाज व रोशनी का सामंजस्य कर इतिहास बताया जाता था। पर्यटन स्थलों की दीवारों, छज्जों और गुम्बद पर रंगीन फिल्म डालकर काम चलाया जाता था। अब प्रोजेक्शन मैपिंग से खुले आसमान में वर्चुअल इमेज दिखती है।
3 डी इमेजिंग और लेजर लाइट से घटनाएं वर्चुअल स्वरूप में सामने लाई जाती हैं। मूविंग हेड (लाइट्स) और सराउंड साउंड से पर्यटकों को दिव्य अनुभव मिलता है। डीएमएच कंट्रोल सिस्टम से सफेद, लाल, हरे और नीले प्रकाश को मिलकर हजारों रंग की लाइट बनाई जा सकती हैं। कम समय में शो पूरे हो सकते हैं। खजुराहो का शो 55 मिनट से घटकर 35 मिनट में पूरा हो रहा है।
बड़े राज्यों से आगे निकलने की तैयारी
^मप्र के पर्यटक स्थलों का आकर्षण बढ़ाने के लिए लाइट -साउंड शो अपग्रेड किए गए हैं। महेश्वर, उज्जैन और जबलपुर जैसे स्थानों पर नए शो की तैयारी चल रही है। इस शो के जरिए प्रदेश के ऐतिहासिक नगरों के इतिहास को वर्चुअली दिखाया जाएगा । प्रदेश इस मामले में बड़े राज्यों से आगे निकलने की तैयारी में है।’ -इलैया राजा टी, एमडी, पर्यटन निगम
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