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Agency:News18 Bihar
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Saharsa Woman Success Story: सहरसा जिले के पतरघट की रहने वाली जया कुमारी कभी तंगहाली में जिंदगी गुजार रही थी. लेकिन, जीविका से मदद मिलने के बाद जिंदगी बदल गई. जया अब अलग-अलग वैरायटी का अचार बनाकर सप्लाई करती है…और पढ़ें
सहरसा के जया के हाथों का बना आचार की खूब रहती है डिमांड
हाइलाइट्स
- जया कुमारी अचार के धंधे से लाखों कमा रही हैं.
- जीविका से 50 हजार लोन लेकर शुरू किया कारोबार.
- अचार की सप्लाई कई जिलों में करती हैं जया.
सहरसा. कहते हैं ना अगर मन में विश्वास व कुछ करने की जज्बा हो तो हर मुश्किलें आसान सी हो जाती है. कुछ ऐसे ही कहानी सहरसा जिले के पतरघट की रहने वाली जया कुमारी की है. जया कभी एक-एक रुपए की मोहताज हुआ करती थी. लेकिन, जया की किस्मत तब बदली जब उन्होंने जीविका से जुड़कर खुद का कारोबार शुरू की. शुरुआती दौर में जया को 50 हजार का लोन जीविका के द्वारा दिया गया. उस लोन के सहारे जया ने अचार का बिजनेस शुरू किया जया. अपने इस कारोबार में खूब मेहनत की और लगन से काम कर आगे बढ़ती चली गई. आज जया दो से ढाई लाख रुपए कमाई हर महीने में कर लेती है.
कई वैरायटी का अचार बनाती हैं जया
जया के हाथ से बने अचार का लोग दीवाने हैं. बिहार सहित अन्य राज्यों में लगने वाले सरस मेला में शामिल भी होती है. जया ने लोकल 18 को बताया कि पहले की स्थिति बेहद खराब थी. लेकिन आचार के धंधे ने स्थिति को काफी सुधार दिया. इसी अचार के धंधे के चलते जिंदगी बदल गई और फिर से रोशनी की एक नई किरण जिंदगी में जगी है. अब घर भी बेहतर तरीके से चल रहा है. अचार की कमाई से ही बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं और अच्छी कमाई कर घर की ज़रूरतें भी पूरी कर लेते हैं. जया ने बताया कि खुद से अचार तैयार करते हैं और अलग-अलग वैरायटी का अचार तैयार कर अलग-अलग जिलों में सप्लाई भी करते हैं. बाजारों में भी जया के हाथों का बना अचार खूब बिकता है.
जीविका की मदद से ही बदली है जिंदगी
जया ने बताया कि शुरुआती दौर में काफी कठिन भरा सफर रहा. घर में एक-एक रुपए के मोहताज हो चुके थे. पति मजदूरी करते थे और कभी काम मिलता था तो कभी काम नहीं भी मिलता था. इस वजह से घर में काफी समस्या उत्पन्न हो गई थी. इसके बाद जीविका से जुड़े और वहां से जिंदगी बदल गई. जीविका ने काफी मदद किया और उन्हीं की मदद से आज इस मुकाम तक पहुंचे है. खुद से अचार बनाकर बाजारों में सप्लाई करते हैं. यही नहीं अलग-अलग जिलों में भी हाथ से बने अचार लोग पसंद कर रहे हैं.
January 26, 2025, 14:34 IST
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