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शरद पवार का दर्द फ‍िर छलका, अज‍ित पवार के बाद अब ‘मानसपुत्र’ निशाने पर, चुन-चुनकर कर रहे वार

महाराष्‍ट्र व‍िधानसभा चुनाव में शरद पवार इन द‍िनों अटैक के मोड में हैं. उन लोगों को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं, ज‍िन्‍होंने उन्‍हें धोखा द‍िया और अज‍ित पवार के साथ मिलकर पार्टी तोड़ दी. वे जहां भी जाते हैं, इन लोगों को नहीं छोड़ते. जनता को बताते हैं क‍ि क‍िस तरह मेरी खड़ी की हुई पार्टी को धोखे से छीन ल‍िया गया है. कुछ द‍िनों पहले उन्‍होंने अज‍ित पवार पर निशाना साधा था. अब उन्‍होंने दिलीप वलसे पाट‍िल पर करारा प्रहार क‍िया है.

दिलीप वलसे पाटि‍ल को शरद पवार अपना बेटा मानते थे. किसी ने नहीं सोचा था कि वलसे पाटिल शरद पवार का साथ छोड़ देंगे. शरद पवार ने बारामती में यह अफसोस भी जताया. बारामती में चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार ने कहा, हमारे कुछ साथी पार्टी के 54 में से 44 विधायकों को लेकर दूसरी तरफ चले गए. उन्होंने राज्य में गलत छवि बनाई. उन्हें सत्ता तो मिल गई लेकिन सोच‍िए इससे पहले उन्हें कितनी बार सत्ता मिली? लेकिन यह सही बात नहीं थी क‍ि इस सत्ता को पाने के लिए उन्‍होंने पार्टी तोड़ दी. दुर्भाग्य से अंबेगांव तालुका का प्रत‍िन‍िध‍ि भी इसमें शामिल था. उन्‍होंने हमारा फायदा उठाया और वो काम क‍िया, ज‍िसके बारे में मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.

शक्‍त‍ि दी तो फायदा उठाया
शरद पवार ने लोगों से कहा, मैं आपके ल‍िए काम कर रहा था. तालुका, जिले, राज्य में काम कर रहा था. आपने वर्षों से मुझे मौका द‍िया है. केंद्र में काम करने का अवसर मिला तो मैं महाराष्ट्र में उतना ध्यान नहीं दे पाया. मैंने राज्य में कुछ लोगों को जिम्मेदारी सौंपी. अब आप यह स्थिति देखिये. वे हमारी पार्टी ही तोड़कर ले गए. मैं दिल्ली और महाराष्‍ट्र की ताकत से आपका डेवलपमेंट चाहता था. भरोसे के साथ लोगों को ज‍िम्‍मेदारी सौंपी. उन्‍हें अध‍िकार द‍िए. शक्‍त‍ि दी, लेकिन उसका फायदा उन लोगों ने अलग ही तरीके से उठाया.

कभी नहीं सोचा था ऐसा काम करेगा
शरद पवार ने कहा, दत्तात्रय वलसे पाटिल ने मेरी बहुत मदद की. उन्होंने मुझसे केवल एक ही बात कही थी कि मेरा बेटा मुंबई में पढ़ रहा है, उसे अपने ऑफिस में ले लो, उसे काम का अनुभव दो. दत्तू पाट‍िल ने जब मुझसे कहा तो मेरे मन में भी एक सहकर्मी की चाहत जगी, इस युवा को प्रोत्साहित किया, स्‍टेट लेवर पर ले गया. विधायक बनाया, मंत्री बनाया. इतना ही नहीं, महाराष्‍ट्र में जो बड़े श‍िक्षण संस्‍थान मैं चलाता हूं, उसमें बड़ा पद द‍िया. लेकिन उसने भी अलग होने का फैसला ले ल‍िया. मैं इसके बारे में अधिक बात नहीं करना चाहता, मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मेरे साथ ऐसा करेगा.

Tags: Ajit Pawar, NCP chief, Sharad pawar


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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