[ad_1]
इंदौर में इस बार दीपावली के दिन फूलों का राजा गुलाब 500 रु. किलो में बिका। हालांकि इसकी अावक कम और महंगा होने से यह बहुत कम बिका। सबसे ज्यादा डिमांड गेंदे की रही। यह 100 रु. से 150 रु. किलो तक बिका। सेवंती भी महंगी रही और 250 रु किलो तक बिकी। खास बा
.

फूलों का राजा गुलाब के भाव आसमां पर।
दरअसल हिन्दू समाज का सबसे बड़ा पर्व होने के कारण दीपावली पर हार-फूलों की डिमां[ बहुत ज्यादा रहती है। गुरुवार सुबह से ही फूलों की दुकानें और बाजार सज गए थे। साथ ही फूलों की खरीदी शुरू हो गई थी। शहर के पुराने फूल कारोबारी संजय सुनेरिया ने बताया कि फूल महंगे होने के बावजूद काफी डिमांड है। इस बार गेंदे का अच्छा और बड़ा फूल 150 रु. किलो में काफी बिका। गुलाब 500 रु. होने के कारण इस बार दुकानों पर बहुत ही कम उपलब्ध है। दरअसल लक्ष्मी पूजन के लिए कमल के फूलों की डिमांड ज्यादा रही। कमल 10 रु. से 50 रु. प्रति नग रहा। 50 रु. नग वाला कमल पूरी तरह खिला होने के कारण महंगा रहा।
फूल विक्रेता प्रकाश कनोडिया के मुताबिक इस बार भी सुबह से ग्राहकी बनी हुई है। गेंदा इस बार 100 रु. किलो से 150 रु. किलो तक है। गेंदे का हार 20 रु. से लेकर डि 250 रु. नग तक रहे। इसके अलावा डिमांड अनुसार भी हार बनाए गए।

फूलों के थोक कारोबारी अय्यूब अंसारी ने बताया कि पिछले दिनों बारिश होने और अभी ठण्ड नहीं होने से फूलों की फसलों पर इसका प्रभाव पड़ा है। इस कारण महंगा है। पिछले साल गेंदा 70 रु. से 80 रु. किलो, सेवंती 100 से 125 रु. किलो थी। गुलाब भी ज्यादा महंगा नहीं था। बकौल अंसारी इस दीपावली पर गेंदे की आवक करीब 100 टन रही। सेवंती की 50 टन रही। गुलाब की आवक दीपावली के हिसाब से बहुत कम रही। गुलाब की आवक 40 से 45 टन रही। यह 350 रु. किलो से 500 रु. किलो तक बिका।
इसके पूर्व विजया दशमी पर गेंदा 50 से 60 रु. किलो बिका था। आम दिनों में थोक बाजार में गेंदा 30 से 40 रु. किलो रेट रहता है। इस बार इसमें उछाल रहा और 160 रु. से 250 रु. किलो तक बिका। ऐसे ही सेवंती फूल आम दिनों में 70 से 80 रु. बिकता है। इस बार 250 रु. किलो तक बिका। गेंदा का रेट ज्यादा होने के बावजूद खूब बिका। ग्राहक विशाल वर्मा ने बताया कि फूल भले ही महंगे हैं लेकिन दीपावली पर घर-घऱ् लक्ष्मीजी का पूजन होता है। ऐसे में फूलों का महत्व तो है ही भले ही महंगा हो। मेरे सहित सभी खरीद रहे हैं। सुबह से ही पाटनीपुरा, मालवा मिल, परदेशीपुरा, राजबाडा, कनाडिया, महू नाका सहित कई स्थानों पर अस्थाई फूलों की दुकानें भी काफी सज गई थी।
[ad_2]
Source link

