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मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी पर पूर्व सांसद और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने ही तंज कसा है। उन्होंने X पर लिखा- 177 सदस्यीय पीसीसी का गठन करने पर बधाई।अगर ये सभी केवल अपनी विधान सभा जितवा दें तो सरकार बन जाएगी। पर क्या ऐसा होगा? अभी तक
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बता दें कि लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी बनने का इंतजार हो रहा था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के करीब 10 महीने बाद घोषित जीतू पटवारी की टीम में 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 16 कार्यकारिणी सदस्य, 33 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं।
पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजयसिंह, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव और विवेक तन्खा जैसे सीनियर लीडर्स को कार्यकारी सदस्य बनाया गया है। जीतू पटवारी की इस टीम में 20 महिलाओं को जगह दी गई है। जो कार्यकारिणी के कुल 177 सदस्यों का करीब 11 प्रतिशत ही है।

दिग्विजय के बेटे बने उपाध्यक्ष पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे और राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह को प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया महासचिव बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव कार्यकारी सदस्य और उनके भाई सचिन यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं कार्यकारिणी में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का कहीं नाम नहीं है।

लक्ष्मण सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखकर तंज कसा।
समर्थकों ने भी उठाए सवाल इधर, चांचौड़ा विधानसभा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और लक्ष्मण सिंह के समर्थकों ने भी इस कार्यकारिणी पर सवाल उठाए हैं। एक कार्यकर्ता ने लिखा- कार्यकर्ताओं को हौसले बुलंद रखते हैं। किसान आम जनों के लिए सड़कों पर उतरते हैं, ऐसे अनुभवी ईमानदार नेताओं को नई कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया। प्रदेश के पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस नई सूची में जोड़ा है तो फिर एक अनुभवी जनता के सेवक आदरणीय छोटे साहब को क्यों नहीं शामिल किया। पूछता है कांग्रेस का कार्यकर्ता।

कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर लिखकर सवाल उठाए।
नई कार्यकारिणी से पार्टी को कोई ज्यादा उम्मीद नहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने लिखा- जो नेता जनता द्वारा निर्वाचित हो कर पार्टी के टिकट पर विधायक या अन्य जन प्रतिनिधि बन गए, उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देना युक्ति संगत नहीं है। वह जनता की समस्या को हल करने के संगठन से सामंजस्य स्थापित कर सही भूमिका कार्य करते, जो नेता, पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता पार्टी का टिकट प्राप्त नहीं कर पाए या पार्टी अनुशासन एवं अपनी निष्ठाओं से जनता के बीच में अच्छी छवि लेकर लगातार कार्य कर रहे हैं, उन्हें संगठन में मौका मिलना ज्यादा जरूरी था।
युवाओं एवं महिलाओं को पार्टी विचारधारा से जोड़ना बहुत जरूरी है। इस नई कार्यकारिणी से पार्टी को कोई ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती।
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