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Teachers did not arrive even 22 minutes after lunch time ended, students were waiting | तिली स्कूल के हाल: लंच टाइम खत्म होने के 22 मिनट बाद भी नहीं पहुंचे शिक्षक, बच्चे कर रहे थे इंतजार – Sagar News

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दोपहर 2.22 बजे शिक्षक के आने का इंतजार करते हुए बच्चे।

जिस शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला तिली स्कूल में कलेक्टर संदीप जीआर निरीक्षण को पहुंचे थे, वहां दूसरे दिन भी पढ़ाई व्यवस्था बेपटरी ही मिली। पढ़ाने के समय फेरीवाले से चादर खरीदने वाले शिक्षक कलेक्टर के निर्देश पर मिले नोटिस के बाद भी संजीदा नहीं हुए। न शि

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भास्कर टीम जब बुधवार दोपहर 2.22 बजे यहां पहुंची तो कुछ बच्चे कक्षाओं में अकेले बैठे मिले तो कुछ बाहर खेलते मिले। शिक्षक कक्षाओं में नहीं थे। जबकि लंच का समय 1.30 से लेकर दोपहर 2 बजे तक का ही है।

यानी लंच समाप्ति के बाद जिन शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाना था, वे कक्षाओं में नहीं पहुंचे। यह हाल भी तब था, जब स्कूल में गोपालगंज थाना प्रभारी भी मौजूद थे। वे बच्चों को यातायात नियम, सुरक्षा, संकट में पुलिस से मदद लेने जैसे मुद्दों पर जागरुक करने गए थे। वे जिस कक्ष में पढ़ा रहे थे, सिर्फ वहीं एक महिला शिक्षक मौजूद थीं। अन्य सभी स्कूल के ही अंदर के कक्ष में लंच कर रहे थे।

महिला शिक्षक बोलीं- उल्टा-सीधा मत छाप देना

जिस समय स्कूल में कक्षाएं लगनी थीं और लंच का टाइम खत्म हो गया था, उस समय अधिकांश शिक्षक लंच कर रहे थे। भास्कर टीम को देखकर महिला शिक्षक बोलीं- उल्टा-सीधा मत छाप देना। शिक्षकों ने विद्यार्थियों की उपस्थिति पंजी आदि भी दिखाई। इसके अलावा उन्होंने अन्य कोई बात नहीं की। इसके बाद सभी शिक्षक अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए।

दर्ज संख्या से 3 शिक्षक ज्यादा हैं पदस्थ

एकीकृत माध्यमिक शाला में कक्षा-1 से 5 तक 194 और कक्षा-6 से 8 तक 268 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जबकि यहां प्रधानाध्यापक सहित कुल 18 शिक्षक पदस्थ हैं। इनमें से 3 अतिशेष हैं। हाल ही में हुई काउंसिलिंग में सिर्फ एक ने ही दूसरे स्कूल में जाने पर सहमति दी।

त्रिशला जैन ने काउंसिलिंग के दौरान गिरवर स्कूल का चयन किया, परंतु आदेश जनरेट नहीं होने के कारण वे अभी यहीं पर कार्यरत हैं। डीईओ के मुताबिक साधना श्रीवास्तव और राजेश्वरी ठाकुर ने अतिशेष होने के बाद भी दूसरे स्कूल जाने में असहमति दी है। बहरहाल, दूसरे स्कूल न जाने की वजह उन्होंने जो भी बताई हो परंतु साफ हो गया है कि यहां पढ़ाने का बंधन नहीं है।

कलेक्टर ने कहा था- बच्चों को क्वालिटी टाइम दें

मंगलवार को ही कलेक्टर एकीकृत माध्यमिक शाला तिली का निरीक्षण करने पहुंचे थे। तब उन्हें स्कूल के 13 शिक्षक पढ़ाना छोड़कर चादर खरीदते मिले। कलेक्टर ने इस पर उन्हें फटकार भी लगाई थी। उनके निर्देश पर डीईओ ने सभी को नोटिस भी दिए हैं। अनुपस्थित प्रधानाध्यापक के निलंबन का प्रस्ताव भी कमिश्नर को भेजा गया है।

कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा था- शिक्षा व्यवस्था मजबूत होना बहुत जरूरी है। बच्चे पढ़ेंगे तो ही सागर आगे बढ़ेगा। इसलिए उन्हें समय से पढ़ाएं। उन्हें क्वालिटी टाइम दें। यह बेहद जरूरी है। उन्हें कॅरिअर ओरिएंटेड भी बनाएं। मैंने देखा है कि सागर के बच्चों में जज्बा बहुत अच्छा है।

उसको आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षक की ही है। जो अच्छा कर रहे हैं, सही से पढ़ा रहे हैं, वे अच्छा काम कर रहे हैं। परंतु जो पढ़ाई के दौरान लापरवाही बरत रहे हैं, यह गैरजिम्मेदाराना है। इसके बाद भी मंगलवार को बदलाव नजर नहीं आया।

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