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जिला मुख्यालय के शुक्रवारी से नगर पालिका चौक व बुधवारी बाजार तक अतिक्रमण होने के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। और जाम की स्थिति बन रही है।नगर का सबसे पुराना सराफा बाजार जहां सोना-चांदी की दमक लोगों को सैकड़ों किमी दूर से खींच लाती है।
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लगभग एक शताब्दी से संचालित सराफा बाजार की इस गली में 1975 तक खुला मैदान व चौड़ी सड़कें हुआ करती थी। लगभग पचास साल पहले आगजनी की घटना के बाद यहां निर्मित दुकानों को लोहा ओली का नाम दिया गया। इस बाजार में सुबह से शाम तक जिलेभर से लोग सामग्री खरीदने आते हैं। जहां कुछ दुकानों के सामने की सड़क को दोपहिया वाहनों की पार्किंग ने निगल लिया है।
तो कुछ दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान की सामग्री को सड़क में सजा दिया है। ऐसी स्थिति में खरीददारी के लिए आने वाले ग्राहक का दोपहिया वाहन गली से निकलना मुश्किल होता है। कुछ घंटों के अंतराल में यहां प्रतिदिन जाम लगना सामान्य बात हो गई। व्यापारी व ग्राहकों को इस गली में पैदल चलना भी बोझिल हो जाता है।
सड़क पर कब्जा कर लगा रहे दुकान
व्यापारी बताते हैं कि अव्यवस्था का मुख्य कारण बाजार में अपनी दुकान से आगे बढ़कर कब्जा करने लगी होड़ है। यदि व्यापारी ठान लें कि किसी भी सूरत में अतिक्रमण को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा, ताकि बाजार सुंदर व आकर्षक बने। तभी कई दशकों पुरानी समस्या हल हो सकेगी।
जब यातायात पुलिस, नगर पालिका अथवा जिला प्रशासन की टीमें अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई और सड़क तक फैली दुकान की सामग्री को जब्त करने निकलता है। तब दोपहिया वाहनों की अवैध पार्किंग व अतिक्रमण कुछ घंटों के लिए हटा दिया जाता है। कार्रवाई के अगले ही दिन अतिक्रमण से अव्यवस्थित बाजार अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देने लगता है। ऐसे में ग्राहक व व्यापारी दोनों को समस्याओं से जूझना पड़ता है।

बुधवारी बाजार तक अतिक्रमण
सोना-चांदी की दुकानों में रहती है भीड़
सराफा गली में सोना-चांदी सबसे पुरानी दुकानों में आज भी बेहतरीन कारीगरी से तराशे गए आभूषण मिलते हैं। इन्हें सिवनी सहित पड़ोसी जिलों से खरीददारी पहुंचते है। सराफा गली से लगी लोहा ओली व मनिहारी बाजार में रोजमर्रा की हर छोटी-बड़ी सामग्री आसानी से मिल जाती है। खेती किसान, ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खरीददारों की खासी भीड़ हर दिन यहां देखने को मिलती हैं।
बाजार में नहीं है सुलभ शौचालय
बाजार में प्रसाधन के लिए कोई सुलभ शौचालय नहीं है। जबकि बाजार में हर दिन हजारों खरीददारों के अलावा व्यापारियों को इसकी आवश्यकता है। बाजार में अतिक्रमण इस तरह हावी है कि सड़क नाम मात्र रह गई हैं। व्यापारियों ने बताया कि बाजार की सड़कों की सफाई तो होती ह लेकिन नालियों का जमा मलवा कई माह से साफ नहीं किया गया है। इससे गंदे पानी की निकासी बाधित रहती है। वर्षा के दौरान बाजार जलमग्न हो जाता है।
शिकायत करने सामने नही आते व्यापारी
यहां स्थिति यह है कि बाजार में दुकान संचालित कर रहे व्यापारी भी अव्यवस्था व अतिक्रमण पर कुछ बोलने तैयार नहीं हैं। ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि प्रशासनिक अमला भी बड़े व्यापारियों के इशारे पर कार्रवाई करता है। छोटे व्यापारियों को समस्या नहीं सुनी जाती, उल्टा उन पर ही चालानी कार्रवाई कर दी जाती है।
यातायात प्रभारी विजय बघेल का कहना है की बाजार में किसी भी तरह के अतिक्रमण को बढ़ावा नहीं देने व्यापारियों को समझाइश दी जा रही है। नवरात्र में बाजार को व्यवस्थित करने टीमें लगातार चालानी कार्रवाई कर रही हैं। निर्धारित पार्किंग स्थल में अपने वाहन खड़ा करने व्यापारियों को समझाइश दी जा रही है। सड़क पर दोपहिया खड़ा कर अव्यवस्था फैलाने वाले दुकानदारों व ग्राहकों दोनों पर कार्रवाई की जाएगी।
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