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चंदेरी क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों तेंदुआ का मूवमेंट है। बीते कुछ दिनों में कई बार लोगों को दिखाई दिया है। बुधवार की रात के समय चंदेरी ईसागढ़ रोड स्थित नसीहर घाटी के पास सड़क से निकल रहे राहगीरों की कार के सामने अचानक से तेंदुआ आ गया। वह एक और से
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चंदेरी क्षेत्र में वन्य जीवों की विपुलता है। यही कारण है कि यदा कदा वन्य जीव आम नागरिकों को विचरण करते हुए दिख जाते हैं। इनमें सर्वाधिक तेंदुआ को देखा जा रहा है। चंदेरी के कार में सवार लोगों ने बताया की बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे इस मार्ग से गुजर रहे थे तो उनकी कार के सामने तेंदुआ ने सड़क को पार किया। पहली नजर में लोगों को लगा कि गुजर रहा जीव बाघ है लेकिन जब उन्होंने इसे वन विभाग के अधिकारियों को दिखाया तो इसके तेंदुआ होने की पुष्टि की गई।
बताया गया है कि जिले में करीब आधा सैकड़ा तेंदुआ हैं। जिनमें से सर्वाधिक ईसागढ़ और चंदेरी क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस जंगल के सिद्ध खो और नसीहर घाटी पर अक्सर तेंदुओं का विचरण देखा गया है। चंदेरी के निकट पांडरी, बूढ़ी चंदेरी और किलाकोठी, प्राणपुर घाटी पर भी तेंदुओं का विचरण अक्सर देखा जाता है।
नहीं लगे सांकेतिक बोर्ड
वन्यप्रेमी भूपेंद्र सिंह चौहान ने मांग की है कि चंदेरी व ईसागढ़ क्षेत्र में जहां जहां तेंदुओं सहित वन्य जीवों का विचरण सड़क मार्गों पर होता है। उन सड़क मार्गों पर सांकेतिक बोर्ड लगाए जाने चाहिए एवं वाहनों की सीमित गति निर्धारित भी करनी चाहिए। जिससे वन्य जीव एवं नागरिक सुरक्षित रह सकें।
चंडीगढ़ वन विभाग के एसडीओ आदित्य शांडिल्य ने बताया कि नसीहर घाटी पर दिखा वन्य जीव तेंदुआ है। हमारे यहां यदि कोई बाघ या चीता आता है तो उसके रेडियो कॉलर होने से हमें सूचना मिल जाती है। सांकेतिक बोर्ड लगवाने की मांग उचित है, हम इस पर जल्दी काम करेंगे।
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