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Filter will be imposed in BJP membership campaign | बीजेपी सदस्यता अभियान में लगेगा फिल्टर: आपराधिक प्रकरण और दो दल की सदस्यता वालों को हटाया जाएगा; चार पॉइंट में होगी स्क्रूटनी – Indore News

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बीजेपी द्वारा चलाए जा रहे महासदस्यता अभियान में पार्टी संगठन द्वारा फिल्टर लगाने का काम भी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बीजेपी सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद बने सभी सदस्यों का वेरिफिकेशन प्रोसेस करेगी। इस प्रोसेस में जो सदस्य संदिग्ध भूमिका के पा

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दरअसल, बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी संगठन को जानकारी लगी है कि अभियान के तहत आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी मिस्ड कॉल देकर बीजेपी की सदस्यता ले रहे हैं। इसलिए हर वार्ड की शक्ति केंद्र की टोली ही अब सदस्यता अभियान के तहत बने सदस्यों की कुंडली निकालकर संगठन के पास पहुंचाएगी। जिसके बाद संगठन एक्शन लेगा।

संगठन ने यह दिशा निर्देश भेजे

इंदौर में सदस्यता अभियान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी संगठन ने प्रदेश के सभी नगर अध्यक्षों, जिलाध्यक्षों और सदस्यता अभियान प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि सदस्य बनाते समय हर किसी को सदस्य ना बनें। सावधानी से बनाए जाएं। वहीं किसी कारण से या गलती से ऐसे व्यक्तियों ने पार्टी की सदस्यता ले ली है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल होगी तो उनका वैरिफिकेशन करें और उनकी जानकारी संगठन के पास भेजें।

रासुका, बलवा जैसे गंभीर अपराध वालों की होगी स्क्रूटनी

बीजेपी के संगठन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे नए सदस्यों का वैरिफिकेशन किया जाएगा जिन्होंने दो दल की सदस्यता ले रखी है या फिर दूसरे दल में रहते हुए उन पर रासुका, बलवा जैसे अन्य कोई गंभीर अपराध दर्ज हो। ऐसे सदस्यों की स्क्रूटनी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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सदस्यता अभियान के तहत क्या ऐसे लोग भी पार्टी के सदस्य बन गए हैं, जो असामाजिक हैं?

अभी हमारा प्रथम चरण का सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद 1 अक्टूबर से दूसरे चरण का सदस्यता अभियान शुरू हुआ है। अभी जितने भी सदस्य बने हैं सभी का वैरिफिकेशन किया जाएगा। इसमें अगर ऐसे लोग निकलते हैं जिनका कोई आपराधिक प्रकरण है या फिर ऐसे लोग जिन्होंने दो दल की सदस्यता ली हुई है तो उनको हटाने का काम भी किया जाएगा।

इसके लिए कोई मापदंड तय किए गए हैं क्या? क्योंकि बीजेपी के ही कई सांसद और विधायक पर भी आपराधिक केस चल रहे हैं।

पॉलिटिकल एक्टिविटी के केस और क्रिमिनल एक्टिविटी के केस में अंतर है। राजनीतिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं पर कई बार क्रिमिनल एक्टिविटी के केस द्वेष भावपूर्ण तरीके से लगाए जाते हैं। वहीं कुछ लोग आदतन अपराधी होते है। हमारी नीचे की इकाई वार्ड के शक्ति केंद्र की टोली वेरिफाइ करके हमें बताएगी तो उस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

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