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सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण की फैसले के बाद देशभर में कहीं इसका विरोध तो कहीं समर्थन किया जा रहा है । मंदसौर में रविवार को सकल वाल्मीकि समाज ने शहर में रैली निकालकर आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले पर समर्थन जताते हुए इसे जल्द लागू करने की मांग
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सकल वाल्मीकि समाज के जिलाध्यक्ष राजाराम तंवर ने आरक्षण में वर्गीकरण के समर्थन में आयोजित रैली में कहा कि आरक्षण में हम जिनका सहयोग चाहते थे और दलितों के नेता मानते थे, सबसे पहले उन्होंने ही आरक्षण में वर्गीकरण का विरोध किया। अब वे हमारे साथी नहीं बल्कि आरक्षण में वर्गीकरण के विरोधी है। अब आगे की लड़ाई वंचित समाज खुद लड़ेंगा। चाहे उसके लिए हजारों साल लगे। हम सब संगठित होकर वंचित समाज के लिए आरक्षण में उपवर्गीकरण के फैसले को लागू करवाकर रहेंगे। इस लड़ाई में हम अकेले नहीं है, देशभर का वंचित समाज हमारे साथ है। कोई भी अपने आप को अकेला ना समझे।
क्या है आरक्षण में वर्गीकरण
आरक्षण में वर्गीकरण (उप-वर्गीकरण) का मतलब है, आरक्षित श्रेणियों के अंदर भी कोटा देना। 1 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरक्षण में वर्गीकरण पर कहा कि राज्यों को आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) जैसे आरक्षित वर्गों को उप-वर्गीकृत करने का अधिकार है। इसका मकसद, आरक्षित वर्गों के भीतर मौजूद असमानताओं को दूर करना है ।


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