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दस दिवसीय गणेशोत्सव का मंगलवार (17 सितंबर) को समापन हो रहा है। आज शहर में उत्साह और उमंग के साथ लोग ढोल-ढमाकों और डीजे की धुन पर झूमते नाचते हुए, भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन करने प्रतिमा विसर्जन स्थल पर पहुंच रहे हैं। गणेश प्रतिमा विसर्जन के ल
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वहीं शहर में नगर पालिका द्वारा दो तालाबों पर प्रतिमा विसर्जन व्यवस्था की है। शहर के संजीवनी तालाब के किनारे मूर्ति विसर्जन कुंड और जयसिंहपुरा रोड स्थित शिवघाट पर मूर्ति विसर्जित की जा रही है। वही मूर्तियां एकत्र करने के लिए मूर्ति संग्रहण केंद्रों की भी स्थापना नगर पालिका द्वारा की गई है। जहां लोग प्रतिमा विसर्जन के लिए ला रहे है। नीमच शहर के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी विशाल गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हर्कियाखाल स्थित जाजू सागर बांध पर किया जा रहा है।इसके मद्देनजर नगर पालिका द्वारा टीम तैनात की गई है।
शहर में छोटी गणेश प्रतिमाओं के लिए पीपलीचौक नीमच, नीमच सिटी मठ के पास, भारतमाता चौराहा (फोरजीरो), राजा टोडरमल चौराहा हुड़को (बंसल चौराहा), पाटीदार छात्रावास ग्वालटोली व गणेश मंदिर स्टेशन रोड पर संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। जहां नगर पालिका कर्मचारी भक्तों से मूर्ति प्राप्त कर विसर्जन स्थल पहुंचाएंगे।
आज बरसों पुरानी परंपरा के अनुसार शहर में रात भर झांकियां निकाली जाएगी। झांकियों का कारवां ढोल-ढमाकों, डीजे सहित तीन अखाड़ों के साथ अपने-अपने स्थानों से शुरू होगा। सबसे आगे माधोपुरी बालाजी की झांकी व बजरंग व्यायाम शाला का अखाड़ा रहेगा। इसके पीछे पंचमुखी बालाजी, प्रायवेट बस स्टैंड, रोडवेज बस स्टैंड, सांवरिया सेठ मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव, शंभु व्यायाम शाला का अंखाड़ा व अन्य झांकियां जुड़ती जाएंगी।
देर रात को शहर के फव्वारा चौक से इन सभी का कारवां एक साथ जुड़ेगा और फिर टैगोर पर चलेगा। इस दौरान कई पहलवानों द्वारा आकर्षक करतब भी दिखाए जाएंगे। रातभर इस मार्ग पर चलता हुए चल-समारोह पुस्तक बाजार से तिलक मार्ग होता हुआ शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगा। इसके बाद सभी गणेश प्रतिमाओं का हर्कियाखाल स्थित दम पर विसर्जन किया जाएगा।










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