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दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व का 16 सितंबर को समापन हो गया। इसके साथ ही गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन भी प्रारंभ हो गया है। कल (17 सितंबर) अनंत चतुर्देशी पर घरों और सार्वजनिक स्थलों पर विराजित की गई गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा।
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जो दो दिनों तक चलेगा। गणेशोत्सव में विराजित की गई प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगरपालिका और प्रशासन ने जागपुर घाट, वैनगंगा नदी के पास कुंड, गायखुरी घाट और अन्य स्थानों पर एसडीईआरएफ की टीमों को तैनात किया है। इसके साथ ही पूजन सामग्री के लिए सभी विसर्जन स्थलों पर कचरा वाहन रखे हैं। ताकि पूजन सामग्री को नदी में विसर्जित न कर पानी को गंदा न किए जाए।

गणेश विसर्जन करने से पहले किया गया हवन।
विजर्सन को लेकर नगरपालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर ने नगरवासियों से विसर्जन सावधानी, सुरक्षा और सतर्कता के साथ करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ नगरपालिका ने नगर के सभी विसर्जन स्थलों का निरीक्षण किया गया है।
जहां विसर्जन कुंड के साथ ही विसर्जन की पूरी व्यवस्था की गईं हैं। विसर्जन के लिए प्रशासन के सहयोग से एसडीईआरएफ के गोताखोरों और नगरपालिका की टीमों को तैनात करने के साथ ही बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन की व्यवस्था की गई है।
जिसमें पूजन सामग्री से पॉलीथिन को अलग कर गीला कचरा और पॉलीथिन अलग-अलग कचरा वाहन में डाले। ताकि गीले कचरा से खाद को तैयार किया जा सके और पॉलीथिन को अलग रखा जा सके।
नपाध्यक्ष भारती ठाकुर ने कहा कि जिस तरह भगवान गणेश के दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व को हम सभी ने खुशी-खुशी मनाया है। उसी तरह भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन सावधानी, सुरक्षा और सतर्कता के साथ करके खुशी-खुशी उन्हें विदा करें।





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