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Inside story of the ongoing riots in Berasia – Father said – Gave evidence to the police but did not take action, the accused used to message the girls on Snapchat. | पुलिस से पहले आरोपी से मिले थे पीड़िता के पिता: बोले-उसे फोटो डिलीट करने को कहा था, उसने 50 हजार मांगे और थप्पड़ मारे – Madhya Pradesh News

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पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्जकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

9 सितंबर को बेटी ने मुझसे कहा था कि मोहल्ले का लड़का अरमान उसे परेशान कर रहा है। उसने स्नैप चैट पर बेटी की फोटो अपलोड की है। मैं दूसरे दिन 10 सितंबर को उससे मिलने गया लेकिन वो घर पर नहीं मिला। इसके बाद 11 सितंबर को सुबह 9 बजे मैं एक बार फिर अरमान से

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मैंने उसे समझाते हुए कहा कि मेरी बेटी के फोटो डिलीट कर दो, तब उसने कहा- 50 हजार रु. दे दो। मैंने कहा कि इतना पैसा नहीं है तो उसने मुझे थप्पड़ मारे। इसके बाद मैं थाने गया और दोपहर को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

ये आपबीती बैरसिया के रहने वाले उस पिता की है, जिसकी बेटी के फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी आरोपियों ने दी थी। जब एक बच्ची ने पूरी बात माता-पिता को बताई, तब एक-एक कर और भी मामले सामने आने लगे।

पुलिस ने अब तक तीन एफआईआर दर्ज की है और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

दैनिक भास्कर ने बैरसिया पहुंचकर इस पूरे मामले के पीड़ित परिवारों से समझा कि आखिरकार बच्चियों के सोशल मीडिया अकाउंट आरोपियों तक कैसे पहुंचे और वे कितने दिनों से उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे थे…पढ़िए रिपोर्ट

अब जानिए, कैसे हुआ मामले का खुलासा

पकड़े गए आरोपी बच्चियों को अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी पिछले कई दिनों से दे रहे थे। अनुमय श्रीवास्तव कहते हैं कि मंदिर में जन्माष्टमी का कार्यक्रम मनाया जा रहा था। उसी दौरान बाइक पर सवार कुछ लड़के आए और बच्चियों की तरफ देखने लगे।

उनकी हरकतों से मुझे शक हुआ तो मैंने बच्चियों से ही पूछा- क्या लड़के परेशान कर रहे हैं? तो उनमें से एक बच्ची बोली कि वह कुछ बताना चाहती है। इसके बाद उस बच्ची ने बताया कि इन सभी लड़कों के पास उनके फोटो और वीडियो हैं, जिन्हें वायरल करने की धमकी देकर वे उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं।

उसने ये भी बताया कि वह उनसे मिलने का दबाव बना रहे हैं। मैंने पूछा तो उसने कहा कि ऐसी 6 बच्चियां हैं। इसके बाद मैंने बाकी पीड़ित परिवारों से संपर्क किया। उनमें से केवल तीन परिवार सामने आए। हम लोगों ने तीनों से पूछा कि क्या वो एफआईआर के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि हां, वे एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं।

लड़कियों को फंसाने के लिए फेक आईडी का इस्तेमाल

हिंदू समिति के पूर्व अध्यक्ष चंदन गुप्ता कहते हैं कि आरोपियों ने नाबालिग लड़कियों को फंसाने के लिए फेक इंस्टाग्राम आईडी बनाई थी। इसी से उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। इसके बाद आरोपियों ने इन बच्चियों को स्नैप चैट पर वीडियो कॉल करने के लिए कहा था।

जब बच्चियों ने उनसे वीडियो कॉल पर बात की तो इसी दौरान आरोपियों ने उनके फोटो और वीडियो रिकॉर्ड किए। इन्हीं के आधार पर वो बच्चियों को ब्लैकमेल कर रहे थे। जब बच्चियों को उनकी असलियत पता लगी तो उन्होंने उनसे बातचीत करना बंद कर दी थी।

पहले भी ऐसे मामले होते रहे, मगर सामने नहीं आए

बैरसिया के वार्ड 13 के पार्षद चंचल खत्री कहते हैं कि लड़कियों के अपने माता-पिता को शिकायत करने से पहले आरोपियों ने उनकी तस्वीरें सार्वजनिक करना शुरू कर दी थी। कस्बा छोटा है, सारे लोग एक दूसरे को जानते हैं।

यहां बाल विहार नाम की जगह है, जहां आरोपी अक्सर इकट्ठा होते थे। उनके साथ कुछ हिंदू युवक भी बैठते थे। ये वीडियो और तस्वीरें उन्होंने इन युवकों को बताई तो बात फैलना शुरू हुई। वे कहते हैं कि ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सामने नहीं आईं।

​​​​​​आरोप- ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए फंडिंग हो रही

बैरसिया के मामले को लेकर हिंदू संगठन बेहद नाराज हैं। लोगों ने थाने का घेराव भी हिंदू संगठनों के कहने पर ही किया था। हिंदू संगठन से जुड़े नेता यतीश शर्मा कहते हैं- ये पूरी तरह से लव जिहाद है। आरोपियों का बहुत बड़ा नेटवर्क है और इनका कनेक्शन भोपाल से है। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए फंडिंग हो रही है।

यतीश ने बताया- इन आरोपियों में से एक की बहन पीड़िताओं के साथ स्कूल में पढ़ती है। ऐसा अंदेशा है कि आरोपियों तक पीड़िताओं के सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी उनकी इसी नाबालिग बहन ने दी है। हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की सही तरीके से जांच होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलना चाहिए।

अब जानिए, क्या कहते हैं पीड़ित परिवार..

बेटी को मैसेज भेजा था कि बात नहीं करेगी तो जान ले लूंगा

दैनिक भास्कर ने पीड़ित परिवारों से संपर्क किया तो तीन में से केवल एक परिवार बात करने के लिए तैयार हुआ। पीड़िता के पिता ने बताया- घर में सिर्फ दो मोबाइल हैं। एक की पैड वाला और दूसरा एंड्रॉयड। मेरी बेटी के पास कोई मोबाइल नहीं है।

जब मैं रात को घर जाता, तब बेटी होम वर्क के लिए एंड्रॉयड मोबाइल का इस्तेमाल करती थी। कुछ दिन पहले बेटी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिलीं। जब मैंने बेटी से पूछा तो वह रोती हुई बोली कि पास ही में रहने वाला लड़का कई दिनों से परेशान कर रहा है। मेरे मना करने के बाद भी लगातार मैसेज कर रहा है।

मैंने जब मोबाइल चेक किया तो मुझे मैसेज देखने को मिला कि बात नहीं करेगी तो तेरी बहन की जान ले लूंगा। वे बोले कि डर की वजह से बेटी ने हमें कुछ नहीं बताया था। दूसरे दिन मैं आरोपी अरमान से मिलने गया था।

थाने के स्टाफ पर मोबाइल का डेटा डिलीट करने का आरोप

पीड़िता के पिता ने कहा- इसके बाद मैंने ये बात अपने परिचित को बताई तो सभी ने मिलकर आरोपी अरमान को पकड़ लिया। उसका मोबाइल लिया और थाने जाकर पूरा मामला बताया। शाम तक थाने के स्टाफ ने डेटा डिलीट कर दिया और बताया कि मोबाइल में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं मिला।

उस दिन तो पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। धीरे-धीरे यह बात पूरे कस्बे में फैल गई और जन आक्रोश बढ़ता चला गया।

वे बोले- बेटी की बदनामी किसी बाप के लिए खून का घूंट पीने जैसा है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि यह दिन भी देखना पड़ेगा। अगर एक पिता होने के नाते 14 साल की नाबालिग बेटी की रक्षा नहीं कर सकता हूं तो ऐसे जीवन का मकसद क्या है? अगर पुलिस समय रहते हुए कार्रवाई कर देती तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती।

पुलिस ने मुख्य आरोपी अरमान, उसके दोस्त अनस और जुनैद को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने मुख्य आरोपी अरमान, उसके दोस्त अनस और जुनैद को गिरफ्तार किया है।

मोबाइल डेटा रिकवर कर रही पुलिस

भास्कर की टीम आरोपियों के घर भी पहुंची, जहां ताले पड़े हुए थे। फिलहाल, लोगों के गुस्से और पुलिस की लापरवाही को देखते हुए थाना प्रभारी नरेंद्र कुलस्ते और सब इंस्पेक्टर रिंकू जाटव को लाइन अटैच किया गया है। एसडीएम दीपक पांडे का भी तबादला किया गया है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच हो रही है।

एडिशनल एसपी देहात नीरज चौरसिया ने बताया- मोबाइल से एसआई रिंकू सिंह ने जो डेटा डिलीट किया था, उसे रिकवर करने की कोशिश हो रही है। साइबर एक्सपर्ट की टीम को बैरसिया बुलाया गया है। डेटा रिकवर करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।

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SI-कॉन्स्टेबल ने मोबाइल से छेड़छाड़ केस के वीडियो-मैसेज डिलीट किए

भोपाल में 11वीं की छात्रा को अश्लील मैसेज भेजकर परेशान करने के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। छात्रा के परिजन ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि सब इंस्पेक्टर रिंकू जाटव और कॉन्स्टेबल शिव भानु ने थाने में राजीनामे का दबाव बनाया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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