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सागर में देवरानी – जेठानी, नानी और नातिन की मौत को शुरुआती जांच में पुलिस सामूहिक सुसाइड मान रही है। चारों के शव कुएं में मिले थे। परिवार ने छोटी बहू के घरवालों की धमकियों से तंग आकर इस तरह का कदम उठाए जाने के आरोप लगाए हैं। इस परिवार की सबसे छोटी बह
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इस केस में छोटी बहू के पति, दोनों देवरानी – जेठानी के पति पर एफआईआर दर्ज है। मामला देवरी थाने के कोपरा गांव का है। दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर जाकर जाना, तो परिजन से मालूम हुआ कि शुक्रवार देर शाम छोटी बहू के मायकेवालों ने कोपरा गांव आकर परिवार को धमकाया था। केस में राजीनामे के लिए 20 लाख रुपए और 5 एकड़ जमीन की मांग रखी थी।
इसके थोड़ी देर बाद रात में देवरानी – जेठानी के शव कुएं में फांसी के फंदे पर लटके मिले। दोनों आपस में सगी बहनें भी थीं। इनकी बुजुर्ग मां इनके साथ ससुराल में ही रहा करती थीं, उनका शव कुएं में उतराता मिला था, बच्ची (देवरानी की बेटी) का शव कुएं में डूबा हुआ था। शनिवार सुबह एसडीईआरएफ ने चारों शव निकाले।
जानिए, कुएं से किनके शव निकाले गए, किसका-क्या रिश्ता था…

पिछले महीने छोटी बहू ने पी लिया था जहर लोधी परिवार की छोटी बहू और सोनू लोधी की पत्नी लक्ष्मी लोधी ने 9 अगस्त को जहर खाकर सुसाइड कर लिया था। गढ़ाकोटा के बापूपुरा में उसका मायका है।
मायके वालों ने सोनू, आरती, भारती, आरती के पति करोड़ी पर दहेज प्रताड़ना का केस कराया था। 15 दिन पहले सोनू और करोड़ी को कोर्ट ने जेल भेज दिया। इसके बाद दोनों परिवार के बीच राजीनामा को लेकर बातचीत शुरू हुई थी। सोनू और लक्ष्मी की शादी ढाई साल पहले हुई थी। दोनों के एक बेटा है।

लोधी परिवार खेत के बीच बने मकान में रहता है।
जीप से आए, धमकाया …गांव में रहने वाला साढ़ू ने भी धमकाया चचेरे भाई सुरेंद्र लोधी ने बताया, ‘बड़े पापा के लड़के सोनू की पत्नी लक्ष्मी के परिवार वालों ने राजीनामे के लिए 20 लाख रुपए कैश और 5 एकड़ जमीन देने की मांग रखी। वे कोपरा आकर धमकाते थे। गांव में रहने वाला सोनू का साढ़ू भी बड़े पापा के घर आकर गाली-गलौज करता था।’
सोनू के मुताबिक, ‘बड़े पापा का घर खेत के बीच में बना हुआ है। मेरा घर गांव में है। भाई किशोरी ने मुझे रात 10 बजे सूचना दी कि ऐसा हो गया है। बड़े पापा से पता चला कि इसके पहले शुक्रवार शाम लक्ष्मी के मायके वाले जीप भरकर घर आए थे। उन्होंने गाली-गलौज की और धमकाया। डर की वजह से कोई घर से बाहर नहीं निकला।’
रात 8 बजे भाई किशोरी, बड़े पापा-बड़ी मां और बच्चे खाना खाकर सोने चले गए। दोनों भाभियां और उनकी मां घर के काम निपटा रही थीं। रात 9 बजे भाई किशोरी ने देखा तो तीनों महिलाएं घर में नहीं थीं। आसपास तलाशा। रात 10 बजे कुएं के पास जाकर देखा, तो दोनों भाभियों के शव फांसी के फंदे पर थे।


सोनू ओर करोड़ी को जेल से गांव लाया गया। घर आने के पहले उन्हें पता नहीं था कि क्या घटना हुई है। मालूम होने पर किरोड़ी बदहवास हो गया।
मुखाग्नि देने जेल से सोनू और करोड़ी को लाया गया शनिवार दोपहर 1 बजे पोस्टमॉर्टम के लिए शव भेजे गए। पीएम होकर शाम 4 बजे आए। एक साथ तीन अर्थियां निकलीं, तो पूरे गांव में मातम छा गया। बच्ची के शव को गोद में लेकर परिवार के लोग मुक्तिधाम पहुंचे।
जेल में बंद सोनू लोधी और करोड़ी लोधी को विशेष अनुमति पर रहली जेल से पुलिस लेकर कोपरा गांव पहुंची। घर आने के पहले उन्हें पता नहीं था कि घर में क्या घटना हुई है। जैसे ही वे घर पहुंचे और भीड़ देखी तो पूछने लगे कि हुआ क्या है। परिवार के लोगों ने करोड़ी को पत्नी की मौत की जानकारी दी, तो वह बदहवास हो गया। हाथ में हथकड़ी लगाए हुए वह पुलिस वाहन से मुक्तिधाम पहुंचा। पत्नी को मुखाग्नि दी।

आरती-भारती 5 बहनें थीं, भाई नहीं था आरती – भारती चौरई गांव की रहने वाली थीं। दोनों पांच बहनें थीं। भाई नहीं है। सभी बहनों की शादी होने के बाद मां भागवती लोधी, भारती की शादी के बाद करीब 10 साल पहले कोपरा में रहने आ गई थीं। तब से वे बेटियों के साथ ही रह रही थीं। आरती के दो बेटे हैं। भारती की तीन बेटियां हैं। एक बेटी अभी एक साल की ही है।

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