मध्यप्रदेश

There was a ruckus over asking students to write their own condolence messages along with their photos | इंदौर में स्टूडेंट्स से खुद का शोक-संदेश लिखवाने पर बखेड़ा: पढ़िए DAVV के स्टूडेंट्स ने क्या-क्या लिखा, असाइनमेंट देने वाले टीचर पर कार्यवाही की मांग – Indore News

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में एमबीए की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स से टीचर ने खुद की मौत का संदेश लिखकर लाने के लिए कहा। इस विवादित असाइनमेंट पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। टीचर पर कार्यवाही की मांग की गई है। साथ ही मानव अधिकार आयोग को शिकायत हुई है।

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यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट में पढ़ाने वाले टीचर डॉ.अतुल भरत ने स्टूडेंट्स से अपनी-अपनी फोटो के साथ मौत के बाद दिया जाना वाला शोक और श्रद्धांजलि संदेश लिखकर लाने के लिए कहा था। डॉ.भरत प्रबंधन सिद्धांत विषय के टीचर हैं। नंबर कटने के डर से स्टूडेंट्स ने तय फॉर्मेट में असाइनमेंट टीचर को जमा करवाया है। मामले में टीचर के खिलाफ एक्शन की मांग हो रही है।

वहीं पूर्व कार्य परिषद सदस्य ने टीचर के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की है। उनका कहना है कि किसी स्टूडेंट से उसकी मौत का संदेश लिखवाया जाएगा तो उसके माता-पिता पर क्या बीतेगी। वहीं स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एचओडी प्रो.कन्हैया आहूजा मामले में कह चुके हैं कि संबंधित टीचर से जवाब मांगा है। इसके बाद कार्रवाई का फैसला होगा। बता दें टीचर डॉ.भरत स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अलावा आईआईपीएस में भी पढ़ाते हैं। एक्रोपोलिस कॉलेज में करियर एडवांस सेल के ग्रुप डायरेक्टर हैं।

पढ़िए स्टूडेंट ने अपने शोक संदेश में क्या-क्या लिखा…

यह विश्वास करना कठिन है कि अंकित अब आप हमारे साथ नहीं हैं। आपकी यादें कभी नहीं भुलाई जाएंगी। वे सदैव हमारे साथ सदैव रहेंगी। बड़े दुःख के साथ मुझे आपको सूचित करना पड़ रहा है कि “अंकित कुमार पांडे” अब हमारे साथ नहीं हैं। वह एक खुशमिजाज़ व्यक्ति थे जो हमेशा समाज को यथा संभव फायदा पहुंचाने की कोशिश करते थे। वह एक सफल व्यवसायी और अरबपति थे जिन्होंने कई युवाओं को रोजगार पाने में मदद की। उसके लिए सफलता का मतलब अरब पति बनना नहीं है, बल्कि यह है कि उनके प्रयासों (उनका व्यवसाय) के कारण कितने परिवार अच्छा जीवन जी रहे हैं। वह “अपनी रसोई” और “ला राशन” के मालिक और सीईओ थे। उन्होंने हर गांव में इस छोटे उद्यम को फैलाया। ताकि गांव की अनपढ़ महिलाएं और पुरुष भी इसमें शामिल हो सकें।आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बैक वर्ड क्षेत्र में मुफ्त चिकित्सा देखभाल और मुफ्त शिक्षा प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों को अनेक छात्रवृत्ति प्रदान की। हमें और पूरे भारत को उन पर गर्व है।

एक ही छात्रा ने ली थी आपत्ति

करीब 110 स्टूडेंट में से एक ही छात्रा थी, जिसने असाइनमेंट पर आपत्ति ली थी। कहा था कि मम्मी ने कहा है कि ये सब नहीं लिखना है। उसे न तो डांटा और न ही कुछ कहा। वो क्लास भी अटैंड कर रही है। ये क्रिएटिव थिंकिंग का हिस्सा है। कई सालों से चल रहा है। मुझ से एचओडी की तरफ से जवाब मांगा गया था। मामले में मैंने उन्हें जवाब दे दिया है।

असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका

असाइनमेंट पढ़ाई का तरीका है। किसी भी इंटरव्यू में सबसे पहले पूछा जाता है कि लक्ष्य क्या है। शोक संदेश लिखवाने के पीछे उद्देश्य भी यही है कि विद्यार्थी जाने कि दुनिया उन्हें किस तरह याद करे। स्टूडेंट को पता होना चाहिए कि उनका अस्तित्व क्या रहेगा। जब पता ही नहीं होगा कि अस्तित्व क्या रहेगा तो लाइफ पाथ कैसे डिसाइड होगा।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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