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मप्र के नए डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए फाइल मूवमेंट शूरू हो गया है। मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) को पत्र भेजकर 20 दिन में दावेदारों की सहमति के साथ उनके सेट प्रोफार्मा में प्रस्ताव मांगे हैं। प्रस्ता
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इस बार नए प्रावधानों के कारण पिछली बार की तुलना में तीन चौथाई नाम घट जाएंगे। पूर्व में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के साथ 35 नाम यूपीएससी को भेजे गए थे, इस बार सिर्फ 9 स्पेशल डीजी के नाम ही दिल्ली जाएंगे। इसमें भी 1987 बैच के शैलेष सिंह, 1988 बैच के सुधीर शाही और 1990 बैच के विजय कटारिया के नाम नहीं होंगे।
बताया गया है कि नए नियमों में यह साफ कर दिया गया है कि डीजीपी का पद रिक्त होने वाले दिन से जिस भी दावेदार की सेवा कम से कम छह माह बची हो, उसका नाम ही दिल्ली भेजा जाएगा। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना नवंबर 2024 में रिटायर हो रहे हैं। शैलेष सिंह और विजय कटारिया फरवरी 2025 व सुधीर शाही जनवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं। लिहाजा ये पात्रता से बाहर हो जाएंगे।
तीन नामों का पैनल सरकार को भेजेगी यूपीएससी
जो नाम यूपीएससी भेजे जाएंगे, उनमें 1988 बैच के अरविंद कुमार व कैलाश मकवाना, 1989 बैच के अजय कुमार शर्मा, जीपी सिंह व सुषमा सिंह, 1991 बैच के वरुण कपूर, उपेंद्र कुमार जैन, आलोक रंजन व प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव का नाम होगा। यूपीएससी इन पर विचार करने के बाद तीन नाम का पैनल मप्र सरकार को भेजेगी, जिसमें एक पर मुहर लगेगी। माना जा रहा है कि नवंबर की शुरुआत में ही तमाम प्रक्रिया शासन स्तर पर पूरी हो जाएगी। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो वर्ष के लिए होना अनिवार्य है। इससे अधिक वक्त के लिए भी डीजीपी को रखा जा सकता है।
1988-1989 बैच में से बनेगा नया डीजीपी नए नियमों के मुताबिक डीजीपी की दौड़ में अरविंद कुमार, अजय कुमार शर्मा व जीपी सिंह आगे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसी में से किसी एक नाम पर सहमति बन सकती है। हालांकि कैलाश मकवाना भी जोर लगा रहे हैं।
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