[ad_1]

शहर में वायरल फीवर के साथ डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालाें में प्रत्येक दिन ओपीडी में जहां 800 से ज्यादा मरीजों की संख्या दर्ज हो रही है, वहीं शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 15 दिन में 20 से ज्यादा डेंगू के मरीज भर्ती हुए हैं।
.
अस्पतालों में भर्ती इन डेंगू के मरीजों में तराना, शाजापुर सहित शहर के रहवासी शामिल है। शहर में सामने आए डेंगू के मरीज नागझिरी के आसपास के रहवासी हैं। दो दिन में शहर के 5 नए मरीजों को डेंगू हुआ है व इसके साथ डॉक्टर के अनुसार इस वर्ष होने वाला वायरल फीवर अलग है व मरीजों की सेहत पर ज्यादा समय तक प्रभाव डाल रहा है। हमेशा की तुलना में इस बार वायरल फीवर ठीक होने में ज्यादा समय ले रहा है व एक बार ठीक होने पर लौट के भी आ रहा है। साथ ही बुखार के साथ ही पूरे शरीर में दर्द होना और कमजोरी होने के ज्यादा मामले देखने मिल रहे हैं।
चरक भवन और माधवनगर अस्पताल दोनों की ओपीडी मिलाकर 800 से ज्यादा मरीज दर्ज हो रहे हैं और पिछले 15 दिनों मेंं जैसे ही डेंगू के मरीज मिलना शुरू हुए हैं, वैसे ही वायरल फीवर के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है और वायरल के मरीजों में डेंगू के लक्षण भी देखने मिल रहे हैं, जिनमें से मरीजों की जांच करवाने पर कुछ रिपोर्ट में डेंगू भी मिला है। वायरल फीवर के बढ़ते केस का मुख्य कारण मौसम में आया बदलाव और संक्रमण हैं। वहीं अगस्त के आखरी सप्ताह से डेंगू भी पैर पसार रहा है, जिसका मुख्य कारण जगह-जगह बारिश के साफ पानी का भराव होना है, क्योंकि डेंगू का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है।
मरीजों के घर दवाई का छिड़काव जारी
जिला मलेरिया विभाग अधिकारी आरएस जाटवा के मुताबिक डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है यानी यह मच्छर नालियों में भरे पानी से नहीं आते, बल्कि घर में होते हैं। ऐसे में अपने घर के अंदर पानी को खुले में भरकर न रखें व घरों के आसपास भी पानी नहीं जमा होने दें। अगर कोई पानी का गड्ढा है और आप उसका पानी नहीं निकला पा रहें तो उस गड्ढे में थोड़ा सा खाने का तेल डाल दें, ताकि लार्वा वहां पैदा न हो पाए। मनी प्लांट अगर बोतल में लगा रखा है तो उसे भी खाली करके रखें।
विभाग द्वारा दवाइयों का छिड़काव वैसे तो हमेशा होता है लेकिन अगर कोई केस सामने आ रहा है तो हम मरीजों के घर में भी छिड़काव कर रहे हैं। जनवरी से अगस्त के बीच हमारे पास केवल 8 मरीज की संख्या दर्ज हुई है। अभी कुछ समय से मरीज बढ़ रहे हैं। डेंगू का खतरा अगस्त से अक्टूबर तक ज्यादा रहता है, इसलिए सावधानी रखना जरूरी है।
बुखार उतरजाने के बाद भी शरीर में आरही कमजाेरी
जिला अस्पताल जनरल मेडिसिन विभाग प्रभारी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि रोजाना वायरल फीवर के कई मरीज अस्पताल आ रहे हैं। हर साल वायरल फीवर में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) देखना मिलता है, जिसके चलते इस बार आ रहे फीवर में मरीजों को काफी परेशानी आ रही है। फीवर 15 से 20 तक नहीं जा रहा। मरीजों को तेज बुखार, सर्दी, खांसी के साथ ही पूरे शरीर में दर्द बना हुआ है। साथ ही बुखार के जाने के बाद भी कमजोरी की शिकायत है और कई बार तो बुखार लौट कर भी आ रहा है। मरीजों में प्लेटलेट्स भी कम हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस मौसम में खासकर खुद पर ध्यान दिया जाए, क्योंकि एक ही दिन में धूप और तेज बारिश दोनों हाे रही है।
सभी को इस मौसम में बाहर के खाने से बचना चाहिए। बीमार होने पर समय पर जांच करवाना चाहिए। सफाई रखने के साथ ही अभी मच्छरों का खतरा ज्यादा रहता है तो बाहर निकलने के दौरान फुल स्लीव्स कपड़े पहनना चाहिए और फीवर वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
हाई टेक्नोलॉजी ब्लड सेंटर उपलब्ध नहीं, परेशानी आ रही
रक्तवाहिनी रक्त योद्धा सेवा संस्था प्रमुख यतीश जाट ने बताया कि उनके पास रोजाना दो-तीन मरीजों के लिए प्लेटलेट्स के लिए सूचना आ रही है। डेंगू में मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। हाई टेक्नोलॉजी ब्लड सेंटर जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते परेशानी आ रही है।
प्लेटलेट्स की वैधता 5 दिन होती है और वर्तमान में प्लेटलेट्स की आवश्यकता प्रतिदिन लग रही है। डेंगू मरीज जिनके प्लेटलेट्स 30 हजार से कम होते है, उन्हें रेंडम डोनर प्लेटलेट्स 6 यूनिट से अधिक प्लेटलेट्स लगने की संभावना होती है और ऐसे में मरीज के लिए इतना रक्त मिल पाना मुश्किल होता है। इस स्थिति में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स से मरीज को एक ही यूनिट में पर्याप्त प्लेटलेट्स मिल जाते हैं लेकिन यह व्यवस्था अभी जिला अस्पताल में नहीं हैं, जिसके चलते मरीजों को परेशानी जरूर हो रही है।
[ad_2]
Source link



