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एमपी में हादसे
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्यप्रदेश में पिछले साल 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 77 हजार 406 थी। जबकि साल 2024 में महज छह महीने में यह आंकड़ा पिछले साल के हादसों से आगे निकल गया है। इस साल जनवरी से जून तक की पहली छमाही में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा 88 हजार पार है। 108 एम्बुलेंस की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसमें जो कारण निकलकर आए हैं, उनको माकूल इंतजाम कर समाधान भी किया जा सकता था। लेकिन दावों, वादों में जुटी सरकार और आरोप प्रत्यारोप में जुटे विपक्ष ने इन हालातों को गंभीरता से नहीं लिया है।
108 एंबुलेंस रिपोर्ट में यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में 77,406 सड़क हादसे हुए हैं। जबकि साल 2024 की पहली छमाही (जनवरी से जून तक) में हादसों की संख्या 88 हजार 255 बताई जा रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 35 फीसदी हादसे खराब सड़क और मवेशी के कारण हुए हैं। जबकि नशे में वाहन चलाने से 24 प्रतिशत हादसे होना बताया गया है।
सरकार घोषणाओं पर
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए सरकार के पास कोई ठोस प्लान नहीं है। जहां गौशालाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी गोवंश का सड़कों पर रहना कम नहीं हो रहा है। इधर, सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए पीडब्ल्यूडी महज 15 दिन की कार्य योजना तो रखता है। लेकिन प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति ने जन से जुड़ी कई योजनाओं को रोक दिया है। इनमें सड़कों की मरम्मत, सुधार, पुनर्निर्माण जैसे काम भी रुक गए हैं।
विपक्ष खामोश
प्रदेश में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर सशक्त आवाज उठाने वाला विपक्ष अपनी अंदरूनी कलह में ही घिरा हुआ है। इसके चलते जन से जुड़ी समस्याओं को लेकर न तो पुरजोर आवाज उठाई जा रही है और न ही समाधान के कोई रास्ते देकर सत्तारूढ़ दल विपक्ष को मजबूत करना चाहता है।
…भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट
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