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Campaign to take back land from factories | फैक्ट्रियों से जमीनें वापस लेने की मुहिम: बंद पड़ी फैक्ट्रियों की जमीन नए उद्योगपतियों को मिलेगी – Bhopal News

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भोपाल रीजन में 7 फैक्ट्रियों से 30 एकड़ जमीन वापस ली जा चुकी

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पूरे प्रदेश में 400 फैक्ट्रियां चिह्नित, इनमें अटकी 1 हजार एकड़ जमीन

मध्य प्रदेश में इंडस्ट्री खोलने के इच्छुक उद्योगपतियों को अब पहले से चल रहे इंडस्ट्री एरिया में ही जमीनें दी जा सकेंगी। इसके लिए सरकार ने पहली बार बंद पड़ी इंडस्ट्री से जमीनें वापस लेना शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत भोपाल रीजन से की गई। यहां अब तक 7 फैक्ट्री से ही 30 एकड़ जमीन सरकार को वापस मिल गई है।

इसी जमीन में सरकार नए फ्लैटेड फैक्ट्री के प्रोजेक्ट को ला रही है। भोपाल में करीब 300 बड़ी और छोटी फैक्ट्री हैं, जो बंद हैं या फिर तय समय में शुरू नहीं हो पाई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 220 मंडीदीप इंडस्ट्री एरिया की हैं। बता दें कि मंडीदीप में कुल 670 फैक्ट्री के लिए प्लॉट हैं और इनमें से 450 ही चल रही हैं। लगभग एक तिहाई जमीन बंद फैक्ट्रियों में उलझी हैं।

विभागीय अफसरों का कहना है कि मप्र में हमारे पास नई इंडस्ट्री के लिए जमीनें बहुत जमीनें हैं, लेकिन उद्योगपति पहले से चल रहे इंडस्ट्री एरिया में जमीन चाहते थे। ऐसे में पूरे प्रदेश में बंद पड़ी फैक्ट्री की मैपिंग कराई गई तो पता चला कि लगभग 400 फैक्ट्री बंद पड़ी हैं।

इनमें एक हजार एकड़ जमीन फसी है। एक महीने पहले इस जमीन वापिस लेने की मुहिम शुरू की। भोपाल रीजन में सफलता मिलने के बाद इस मुहिम को पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। जानकारी के अनुसार सबसे अधिक जमीनें मंडीदीप, गोविंदपुरा इंडस्ट्री एरिया और पीथमपुर में अटकी हैं। यहीं सबसे अधिक जमीनें अब वापस ली जाएंगी।

बंद फैक्ट्री के मालिक को सुनवाई का अवसर

इंडस्ट्री एरिया में बंद पड़ी फैक्ट्री की जमीन वापस लेने का नियम पुराना है। इस बार विधिवत तरीके से फॉलोअप किया गया और रजिस्ट्रार से भी समन्वय बनाया। बंद फैक्ट्री के मालिक को भी सुनवाई का अवसर दिया। इसके बाद ही आवंटन निरस्त किया गया। अब नए उद्योगपतियों को ये जमीनें देंगे।
-चंद्रमौली शुक्ला, एमडी, एमपीआईडीसी

मंडीदीप में एक तिहाई फैक्ट्रियां बंद हैं

मंडीदीप में एक तिहाई फैक्ट्री बंद हैं। यदि इनमें से किसी बंद फैक्ट्री को प्रमोटर नहीं मिल पा रहे हैं तो उसे दोबारा शुरू करने के लिए यह सरकार की अच्छी मु​हिम है। लेकिन कोई दोबारा शुरू करना चाहता है तो उस उद्योगपति का सहयोग किया जाना चाहिए।
-राजीव अग्रवाल, चैयरमेन, एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज, मंडीदीप

​​​​​​​इसका सबसे अधिक फायदा उन क्षेत्रों में होगा, ​जहां निवेश की संभावना है, लेकिन जमीन मौजूद नहीं है।

पहले आवंटन निरस्त करने से पहले फैक्ट्री ​मालिक को बुलाना होता था, अब ऐसा नहीं

बंद फैक्ट्रियों से जमीनें वापस लेने के लिए नियम पुराना है। नियमानुसार यदि काेई फैक्ट्री मालिक तीन साल में अपना काम शुरू नहीं करता है तो उससे जमीन वापस लेने का प्रावधान है। लेकिन मप्र इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआईडीसी) द्वारा जमीन का आवंटन निरस्त करने के बाद रजिस्ट्रार रजिस्ट्री द्वारा फैक्ट्री को मालिक को बुलाने के लिए कहा जाता था।

इस बार सरकार ने विभागीय समन्वय बनाकर बताया कि फैक्ट्री मालिक के नहीं आने पर भी रजिस्ट्री कैंसिल हो जाए। हालांकि इसके पहले रीजनल ऑफिसर इंडस्ट्री, फिर एमडी एमआईडीसी और आखिर में प्रमुख सचिव उद्योग के सामने बंद फैक्ट्री के मालिक को अपील करने की छूट दी गई। इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही जमीनें वापस ली जा रही हैं।​​​​​​​

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