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आला अधिकारियों के जाने के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर की तस्वीर, जहां इक्का-दुक्का स्ट्रीट लाइट जलने से अंधेरा छाया हुआ हैं।
खंडवा पहुंचे इंदौर संभाग कमिश्नर दीपकसिंह ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके बाद वे सीधे मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जहां बंगाल की घटना से सबक लेते हुए सिक्युरिटी को लेकर बैठक ली गई। सिक्युरिटी पाइंट्स पर करीब दो घंटे तक चर्चा की। उन्होंने प्रशासनिक जिम
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इधर, देर शाम को कमिश्नर व आला-अधिकारी मेडिकल कॉलेज से बाहर हुए। उनके जाने के आधे घंटे बाद ही मेडिकल कॉलेज परिसर में अंधेरा छा गया। दरअसल, यहां स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था चरमराई हुई है। हालात यह है कि, कॉलेज स्टूडेंट्स से लेकर सिक्युरिटी गार्ड तक अंधेरे में टहल नहीं पाते है। कॉलेज परिसर में खरपतवार होने से यहां जहरीले सांप विचरण करते है। दो दिन पहले ही 10 फीट लंबा घोड़ा-पछाड़ सांप कॉलेज परिसर की मुख्य सड़क पर आ गया था। जिसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया।

इंदौर कमिश्नर दीपकसिंह ने सिक्योरिटी को लेकर मेडिकल कॉलेज के सभागृह में ली बैठक।
कमिश्नर ने सुझाव मांगे, बोले- 14 दिन बाद फिर आऊंगा
डॉक्टर्स ने बताया कि जिला अस्पताल में भी लाइटिंग की व्यवस्था ठीक नहीं है। कुंडलेश्वर वार्ड की तरफ पोस्टमार्टम रूम के पास दीवार को तोड़कर रास्ता बना दिया गया। जहां से लोग निकलते रहते है। वहीं पर डॉक्टरों की रहवासी मल्टी भी है। सुरक्षा को देखते हुए दीवार बनाकर इस रास्ते को बंद किया जाए।
इसी तरह पुराने लेडी बटलर के रास्ते को भी बंद रखा जाए। वहीं मजार के सामने पुरानी मर्च्युरी के पास भी रास्ता है, जो शेर तिराहे के पास निकालता है। उसे भी बंद किया जाना चाहिए। सिक्युरिटी गार्ड की संख्या बढ़ाने की बात कहीं। करीब 10 गार्ड बढ़ाए जाए।
बैठक के दौरान कमिश्नर दीपकसिंह ने कहा कि सिक्युरिटी को गंभीरता से लें। 14 दिन बाद वे फिर खंडवा आएंगे और समीक्षा करेंगे। इस दौरान कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एसपी मनोज कुमार राय, सीएमएचओ डॉ. ओपी जुगतावत, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. संजय दादू, अधीक्षक डॉ. रणजीत बडोले, सिविल सर्जन डॉ.संजय दीक्षित, आरएमओ डॉ. एमएल कलमे, डॉ. शक्तिसिंह राठौड़, डॉ. दुर्गेश सोनारे, डॉ. सुनिल बाजोलिया, डॉ. पंकज जैन आदि मौजूद थे।
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