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अपराधों पर नियंत्रण के लिए किरायेदार, पेइंग गेस्ट और नौकरों की जानकारी पुलिस को देना अनिवार्य किया गया है। इसे अॉनलाइन देने की सुविधा भी है। फिर भी ये जानकारी देने में लोगों की दिलचस्पी नहीं है। इस साल प्रदेशभर के सिर्फ 15 हजार मकान मालिकों ने किराये
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दो केस… नौकर और ड्राइवर ने ही की वारदात
1. शाहपुरा में एक डाॅक्टर के घर रहने वाले किशोर ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर घर में डकैती डाली थी। किशोर का रिश्तेदार बंगले का ड्राइवर था। बदमाशों ने 85 लाख के जेवर व नकदी लूटी थी। इन नौकरों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया था।
2. शाहपुरा में एक कांट्रेक्टर ने तीन महीने पहले एक ड्राइवर रखा था। यह ड्राइवर अलमारी में रखे करीब 25 लाख रुपए चोरी कर फरार हो गया था। बाद में इसे ग्वालियर पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ा था। इसका भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया था।

सूचना देना इसलिए जरूरी
कई बार आपराधिक प्रवृत्ति के लोग किराये से मकान लेकर रहते हैं या नौकर बनकर घर में प्रवेश करते हैं।
कई बदमाशों द्वारा दूसरे शहरों में अपराध करके फरारी काटने के लिए नौकर बनकर घरों में काम किया जाता है।
हमने आदेश निकाला है
^मकान मालिक को किराएदार, पीजी और नौकर की जानकारी पुलिस को देकर वेरिफिकेशन कराना चाहिए। पिछले दिनों आदेश निकालकर पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है। –हरिनारायण चारी मिश्रा, पुलिस कमिश्नर भोपाल
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