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Janmashtami special, live darshan of Krishna Leela in two temples of Sehore, sound of anklets was heard and the priest used to get gold coins | सीहोर के दो मंदिरों में कृष्ण लीला के साक्षात दर्शन: सुनाई देती थी पायल की आवाज, पुजारी को मिलती थी सोने की गिन्नियां – Sehore News

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सीहोर में भगवान श्रीकृष्ण का चमत्कारिक मंदिर भी है। जहां अक्सर भगवान की प्रतिमा अपना स्वरूप भी बदल लेती है। इस मंदिर में आज (सोमवार) विशेष पूजा अर्चना होगी और जन्माष्टमी की रात को 12 बजे महाआरती के बाद प्रसाद का भी वितरण होगा। जानकारी के अनुसार सीहोर

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लगभग 200 साल पुराने इस मंदिर में भगवान ने अपनी लीला दिखाई है। जिससे पुजारी और महंत भी कई बार आश्चर्यचकित रह गए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां प्रतिदिन पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना भी यहां पूरी होती है। बड़ा मंदिर के पुजारी महंत कल्याण दास ने बताया कि उन्हें उनके पूर्वजों ने भी बताया था कि मंदिर के आंगन में पायलों की आवाज आना, सामान्य बात थी और मंदिर के परिसर में भगवान के कपड़े और सोने का सामान मिलता था इसलिए यह मंदिर चमत्कारिक है, क्योंकि भगवान यहां साक्षात विराजमान है।

इसी मंदिर से लगा हुआ है अधिकारी मंदिर, जहां सभी मंदिरों को लेकर प्राचीन काल में निर्णय हुआ करते थे। एक मंत्रालय की तरह यह मंदिर काम करता था। भगवान की विशेष पूजा अर्चना तो होती ही थी, यहां से ही मंदिरों को लेकर सभी निर्णय सुनाए जाते थे। महंत हरि दास अधिकारी मंदिर के महंत ने बताया कि यह अधिकारी मंदिर दो सौ साल से ज्यादा पुराना है। मंदिर में कृष्ण जी की मूर्ति भी प्राचीन है। हमारे पूर्वजों ने बताया था कि कई दशकों पहले मंदिर में सुबह भगवान कृष्ण की मूर्ति भ्रमण करती थी, मंदिर के आंगन में पायल की आवाज आती थी। इतना ही नहीं मंदिर परिसर में पायल भी मिलती थी और भगवान की मूर्ति अष्ट धातु से बनी है।

जन्माष्टमी पर विशेष पूजा अर्चना होगी। रात बारह बजे महा आरती होगी आरती के पश्चात धनिया की पंजीरी, ककड़ी का प्रसाद वितरण किया जाएगा। पहले यहां लकड़ी की मूर्ति भगवान कृष्ण की थी जो रूप बदलती थी। यह मंदिर प्राचीन काल में मंत्रालय की तरह अधिकारी मंदिर था, जहां मंदिरों के संदर्भ में निर्णय होता था जो सर्वमान्य होता था। इस मंदिर से लगा हुआ बड़ा मंदिर भी है जहां राघव जी, शंकर जी, कृष्ण जी और हनुमान जी की प्रतिमा है।

श्रद्धालु अनिल सोनी ने बताया कि अधिकारी मंदिर और बड़ा मंदिर दोनों मंदिर ही सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करते हैं और यह काफी प्राचीन मंदिर है। मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह पायल की आवाज आती थी और पुजारी जी को सोने की गिन्नी मिलती थी। एक अन्य श्रद्धालु धन सिंह ने बताया कि बड़ा मंदिर काफी पुराना मंदिर है और यहां वह प्रतिदिन पूजा अर्चना करने आते हैं मंदिर में चमत्कार होने की बातें वरिष्ठ लोग बताते रहे हैं।

कहां है मंदिर
नगरीय क्षेत्र सीहोर में सीवन नदी के किनारे बढ़िया खड़ी जाने वाले मार्ग से शुरुआत में ही अधिकारी मंदिर और बड़ा मंदिर स्थित है। दोनों ही मंदिर प्राचीन कालीन है, मंदिर की बनावट भी बताती है कि यह मंदिर वर्षों पुराने हैं। अधिकारी मंदिर के महंत बताते हैं कि मंदिर परिसर में नाग नागिन का जोड़ा भी है जो कभी किसी को परेशान नहीं करता है और मंदिर के महंत की रक्षा भी करता है।

जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन सीहोर के अधिकारी और बड़ा मंदिर में भी विशेष पूजा अर्चना का दौर चलता है। सुबह से ही श्रद्धालु यहां विशेष पूजा का अर्चना करने आते हैं। यहां पर भगवान श्री राम, हनुमान जी, गणेश की की प्रतिमा भी स्थित है, इनकी भी विशेष पूजा अर्चना श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। दोनों मंदिर पास पास बगल में ही हैं।

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