OPD of junior doctors in Hamidia Hospital, Bhopal | भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स की OPD: रक्तदान शिविर भी लगाया; कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या का विरोध – Bhopal News

हमीदिया हॉस्पिटल में समानांतर ओपीडी लगाते जूनियर डॉक्टर्स।
भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर्स ने लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी समानांतर ओपीडी लगाई। बिल्डिंग के बाहर ओपीडी लगाकर मरीजों का इलाज किया। वहीं, कैम्पस में रक्तदान शिविर भी लगाया। डॉक्टर्स ने बारी-बारी से रक्तदान किया।
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कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। भोपाल में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं, मरीजों की परेशानी को देखते हुए समानांतर ओपीडी लगाई गई है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) का कहना है कि हमने हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन समानांतर ओपीडी लगाकर अपना विरोध जारी रखेंगे। मंगलवार को भी उन्होंने समानांतर ओपीडी लगाई थी।
हमीदिया हॉस्पिटल के बाहर समानांतर ओपीडी लगाते डॉक्टर्स।
इमरजेंसी होने पर रैफर कर रहे
जूडा प्रवक्ता कुलदीप गुप्ता ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं। यहां हम अपनी समानांतर ओपीडी चलाकर पेसेंट को देख रहे हैं। मरीज अगर इमरजेंसी स्थिति में है तो उसे रैफर कर रहे हैं। करीब 50 से अधिक डॉक्टर ओपीडी कर रहे हैं।
15 अगस्त की रात 12 बजे काम बंद किया था
मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद जूनियर डॉक्टर ने हड़ताल खत्म कर दी। जूनियर डॉक्टर्स ने 15 अगस्त की रात 12 बजे से काम बंद कर दिया था। इसके करीब 46 घंटे बाद हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया था। दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद आईएमए ने देशभर में प्रदर्शन का फैसला किया था।
हाईकोर्ट का यह था आदेश
इससे पहले 17 अगस्त दोपहर में हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि 20 अगस्त तक अपनी हड़ताल वापस लें। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सच देवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है। अगर किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे? हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की काम पर लौटने की सलाह दी थी। इसके बाद डॉक्टर्स काम पर आ गए थे।
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