मध्यप्रदेश

The village of Panna where 3 murders happened due to superstition | पन्ना का वो गांव जहां अंधविश्वास में 3 मर्डर: पत्नी बोलीं- मेरे पति हरे पेड़ को सुखाने का दावा करते थे, यही मौत की वजह – Madhya Pradesh News

पन्ना के कढ़ना गांव में जादू टोने के शक में तीन आदिवासियों की हत्या अचानक नहीं हुई बल्कि आरोपी पिछले 10 दिन से इसकी प्लानिंग कर रहे थे। 8 अगस्त को कई दिनों से चल रही प्लानिंग को अमल में लाते हुए आरोपियों ने अर्जुन सिंह, गोविंद सिंह और धूप सिंह की हत्

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पुलिस को जब इस हत्याकांड की जानकारी मिली तो चार थानों की पुलिस कढ़ना गांव पहुंची, तत्काल ही दो लोगों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद चार और लोगों की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस के मुताबिक हत्या की वजह आपसी रंजिश है, जबकि गांव वालों का कहना है कि अर्जुन अपने बेटे और साथी के साथ मिलकर गांव में जादू टोना करता था। गांव में जब भी उसका किसी से विवाद होता था तो वह जादू टोना कर उसे बीमार कर देता था। गांव वालों का ये भी कहना है कि उसके जादू टोने की वजह से गांव के करीब 40 लोगों की जान चली गई।

हत्या के 12 दिन बाद दैनिक भास्कर की टीम ने कढ़ना गांव पहुंचकर ये समझने की कोशिश की कि आखिर 8 अगस्त को ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से गांव वालों का गुस्सा भड़क गया। गांव वालों के आरोपों पर मृतकों के परिवार से भी बात की। पढ़िए ये रिपोर्ट…

अब जानिए क्या हुआ था 8 अगस्त को

भास्कर की टीम जब कढ़ना गांव पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। इस घटना के बाद यहां पुलिस के चार जवान अभी भी तैनात है। गांव में जैसे ही दाखिल होते हैं यहां राशन की एक दुकान नजर आती है। इस दुकान पर कुछ लोग बैठे थे उनसे जब घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया।

दुकान के कर्मचारी ने कहा कि गांव के भीतर जाएंगे तो घटना के बारे में पता चलेगा। जिन तीन लोगों की हत्या हुई है उनमें से एक मृतक की पत्नी अभी दुकान से अनाज लेकर गई है। गांव के भीतर पहुंचे तो यहां भी सन्नाटा ही था। बच्चे जरूर खेलते नजर आए।

कुछ देर बाद यहां से गांव का रहने वाला एक युवक गुजरा। उससे रोककर पूछा तो बोला कि गांव में घटना के बाद से दहशत है, क्योंकि पुलिस की सख्ती है। उससे पूछा कि हुआ क्या था? वो बोला- जिस दिन ट्रिपल मर्डर हुआ, उसी दिन की बात है। गांव वाले एक बीमार व्यक्ति को झाड़ फूंक के लिए एक बाबा के पास ले गए थे।

गांव वालों ने जब उससे बीमारी का कारण पूछा तो उसने कहा कि इस पर जादू टोना किया गया है। बस, उसके बाद से ही गांव वाले अर्जुन सिंह और उसके दोनों साथियों के खिलाफ गुस्से में थे। उससे पूछा तो क्या अर्जुन सिंह ने जादू टोना किया था? इस युवक ने बताया कि अर्जुन सिंह जादू टोना और तंत्र मंत्र करता था।

ऐसा वो पिछले सात आठ साल से कर रहा था। यदि किसी से भी उसका विवाद होता था तो वह तंत्र मंत्र से उसे बीमार करता था और फिर उस व्यक्ति की मौत हो जाती थी। गांव वाले इस बात से बेहद परेशान थे।

मृतक अर्जुन पंडा का मकान, मकान के छज्जे में लगी लाठियों से ही गांव वालों ने उसकी हत्या की। अर्जुन की हत्या के बाद उसका परिवार गांव छोड़कर जा चुका है। उसकी पत्नी गांव की पूर्व सरपंच थीं।

मृतक अर्जुन पंडा का मकान, मकान के छज्जे में लगी लाठियों से ही गांव वालों ने उसकी हत्या की। अर्जुन की हत्या के बाद उसका परिवार गांव छोड़कर जा चुका है। उसकी पत्नी गांव की पूर्व सरपंच थीं।

अर्जुन पंडा को समझाया भी था मगर वो किसी की नहीं सुनता था: ग्रामीण

गांव के ही सुकरत सिंह ने बताया कि मैं तो उस दिन गांव में नहीं था। जब शाम को लौटा तो पता चला कि गांव में ऐसी घटना हो गई है। सुकरत सिंह ने बताया कि ये तो होना ही था, क्योंकि पूरा गांव अर्जुन पंडा से परेशान था। वह जादू टोने से लोगों को बीमार करता था।

जब भी गांव में कोई बीमार पड़ता और उसे झाड़ फूंक के लिए दूसरे गांव में ले जाते तो वहां बताया जाता कि तुम्हारे ही गांव में जादू टोना किया गया है। सभी लोग अर्जुन पंडा का ही नाम लेते थे। गांव वालों ने कई बार अर्जुन पंडा उसके बेटे गोविंद और साथी धूप सिंह को बोला था कि वो गांव की पंचायत में आकर अपना पक्ष रखे और बताएं कि वे लोग ऐसा नहीं करते हैं।

मगर वो किसी की सुनता नहीं था। धीरे-धीरे गांव वालों का गुस्सा उसके खिलाफ बढ़ता गया और 8 अगस्त को जब एक और व्यक्ति बीमार हुआ और झाड़ फूंक वाले ने अर्जुन पंडा का ही नाम लिया तो गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा।

भास्कर ने उससे पूछा कि गांव में ऐसे कितने लोग पीड़ित थे तो उसने बताया कि मैं खुद इससे पीड़ित हूं। मेरी पत्नी तीन बच्चों को छोड़कर चली गई। पिछले दिनों मेरे पिताजी की मृत्यु हो गई। सुकरत से ये भी पूछा कि कितने लोगों ने हत्या की तो बोला ये मुझे नहीं पता, मैं गांव में था ही नहीं।

गांव के लोगों ने गिरफ्तार हुए लोगों के पक्ष में प्रदर्शन किया था

सुकरत ने ये भी बताया कि जिस दिन हत्या हुई उसके बाद पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी के बाद गांव के सैकड़ों लोग थाने पहुंच गए थे। पुलिस को लगा कि सभी लोग मृतकों के पक्ष में विरोध प्रदर्शन करने इकट्ठा हुए हैं, लेकिन सभी लोग गिरफ्तार लोगों के पक्ष में प्रदर्शन करने पहुंचे थे।

थाने में महिलाएं और बच्चे तक कह रहे थे कि उन्होंने ही तीनों की हत्या की है इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। भास्कर की टीम को ये भी पता चला कि अर्जुन और उसके बेटे गोविंद की मौत के बाद उनका परिवार गांव वालों के डर से गांव छोड़कर चला गया है। कहां गया है? इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

अर्जुन के दो बेटे थे। एक बेटे की हत्या हो चुकी है। दूसरा बेटा उसकी पत्नी और दो बच्चे भी गांव छोड़कर चले गए हैं। तीसरे शख्स धूप सिंह की दोनों पत्नियां गांव में ही है।

मृतक धूप सिंह की दो पत्नियां है। पहली पत्नी कमला( नीली साड़ी) की कोई संतान नहीं है। दूसरी पत्नी पुष्पा( केसरिया साड़ी) के तीन बेटे और एक बेटी है।

मृतक धूप सिंह की दो पत्नियां है। पहली पत्नी कमला( नीली साड़ी) की कोई संतान नहीं है। दूसरी पत्नी पुष्पा( केसरिया साड़ी) के तीन बेटे और एक बेटी है।

धूप सिंह की दोनों पत्नियों के बयान विरोधाभासी

भास्कर की टीम धूप सिंह के घर पहुंची तो उसकी दोनों पत्नियां घर में ही मौजूद थीं। पहली पत्नी कमला से भास्कर ने 6 सवाल किए।

1.जब हमला हुआ तब आप कहां थीं?

-जब लोग मेरे पति को मार रहे थे तब मैं डर गई थी और घर में ही थी। बाहर निकलते तो लोग हमें भी मार डालते।

2.गांववालों ने क्यों मारा?

– गांव वालों को शक था कि मेरा पति जादू टोना करता है। गांव और आस पास के गांवों के गुनिया, पंडित-पुजारी मेरे ही पति का नाम लेते थे।

3.क्या वह जादू टोना करता था?

– हां, मेरा पति जादू टोना करता था। उससे गांव वाले अचानक बीमार हो जाते थे फिर उनकी मौत हो जाती थी।

4.क्या करता था और कहां से सीखा था ?

-क्या करता था उसके बारे में नहीं जानती हूं, केवल इतना जानती हूं कि जादू टोना करता था। कहीं बाहर से सीख कर आया था।

5.आपने समझाया नहीं?

– मैंने खूब समझाया। ये भी कहा कि ऐसा मत करो, गांव के लोगों को परेशानी होती है, लेकिन वह मेरी बात नहीं मानता था।

6.अब क्या चाहती हैं?

-मैं चाहती हूं कि छोटी पत्नी के जो बच्चे हैं उन्हें सुरक्षा मिले। सरकारी मदद मिले। हमारे घर का कमाने वाला चला गया है।

दूसरी पत्नी बोलीं- शक में हत्या कर दी, जबकि वो जादू टोना नहीं करता था

धूप सिंह की दूसरी पत्नी पुष्पा के चार बच्चे हैं जब उससे बात की तो पहले तो वह बात करने के लिए तैयार नहीं हुई। उसे भरोसा दिलाया तो उसने हमारे सवालों के जवाब दिए। पुष्पा ने कहा कि मेरे पति को शक में ही मार डाला। गांव वालों को लगता था कि ये लोग जादू टोना कर लोगों को मारते थे। जबकि, मेरे पति ऐसा कुछ नहीं करते थे।

आसपास के गांव के पंडे पुजारियों ने गांववालों को बताया था कि मेरे पति के साथ बाकी दो लोग जादू टोना करते हैं। सारा गांव कहने लगा कि ये लोग सुधनिया चलाते हैं। जादू टोना करते हैं। पुष्पा कहती है कि पूरे गांव ने पिछले कई महीने से हम लोगों से बातचीत बंद कर दी थी। मैं और पति गांव में अलग-थलग ही रहते थे।

उस दिन सभी लोग इकट्ठा होकर आए और फिर मेरे पति को मार डाला। उससे पूछा कि कौन लोग थे तो उसने बताया कि हमारे ही परिवार के लोगों ने मारा है। जिन्होंने हत्या की वह पति के चचेरे भाई लगते हैं। पुलिस ने उन्हें तो पकड़ा नहीं दूसरे मोहल्ले के लोग जेल चले गए।

एएसपी बोलीं- जिनके नाम गांव वालों ने बताए, उन्हें गिरफ्तार किया

इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों की गिरफ्तारी की है। भास्कर ने एडिशनल एसपी आरती सिंह से पूछा कि हत्या की वजह क्या रही तो उन्होंने कहा कि हत्या की वजह पुरानी रंजिश ही है। मृतक अर्जुन पंडा पहले सरपंच रहा है इस चलते आरोपियों से उसकी दुश्मनी थी। दैनिक भास्कर ने उन्हें दुरुस्त करते हुए बताया कि अर्जुन पंडा की पत्नी सरपंच थीं।

फिर पूछा कि मृतक की पत्नी का कहना है कि जादू टोना के शक में हत्या हुई है तो एएसपी ने कहा कि उसमें कई सारी चीजें शामिल है। एएसपी से ये भी पूछा कि आरोपियों की गिरफ्तारी किस आधार पर की गई, क्योंकि हत्या में 30 से 40 लोग बताए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि आरोपी हमने तय नहीं किए हैं। परिजन ने जिनके नाम बताए, उसी आधार पर गिरफ्तारी की गई है।

उन्हें बताया कि धूप सिंह की पत्नी पुष्पा कह रही है कि जिन्होंने उसके पति को मारा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। एएसपी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। भास्कर रिपोर्टर ने कहा कि हमारे पर कैमरे पर दिया बयान है तो एएसपी ने कहा- मैं छुट्टी पर हूं। आप एसडीओपी को कॉल कर गिरफ्तार लोगों के नाम पूछ लीजिए।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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