इसे कहते हैं मेहनत….साइकिल से शुरू किया बिजनेस, आज खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी, मचा दी धूम

रजत भट्ट/गोरखपुर : गोरखपुर की संगीता पांडे ने मात्र 1500 रुपए के साथ एक छोटे से बिजनेस की शुरुआत की. उन्होंने डब्बे बनाने का काम शुरू किया और आज उनका यह व्यवसाय करोड़ों रुपए की कंपनी में तब्दील हो चुका है. यह कहानी न केवल उनके अद्वितीय संघर्ष और समर्पण की है, बल्कि उनके द्वारा अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रेरणादायक कहानी भी है.
साइकिल से शुरू किया बिजनेस
संगीता पांडे ने अपने घर से डब्बे बनाने का काम शुरू किया. यह काम शुरुआत में सिर्फ एक छोटे पैमाने पर था. संगीता बताती हैं कि जब उन्होंने इसकी शुरुआत की, तो हर दुकान पर साइकिल से डब्बे का सैंपल ले जाती थी और छोटे-छोटे दुकान पर डब्बे देती थी. संगीता ने साइकिल से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी. संगीता के प्रयासों ने इसे बड़े स्तर पर पहुंचा दिया. उनकी मेहनत और लगन ने उनके बिजनेस को बढ़ाया और आज उनका नाम गोरखपुर के सफल उद्यमियों में लिया जाता है. शायद यही कारण है कि संगीता को गोरखपुर रत्न से भी नवाजा गया है.
सशक्तिकरण की दिशा में कदम
संगीता का बिजनेस सिर्फ उनकी सफलता तक ही सीमित नहीं रहा. उन्होंने इसे अन्य महिलाओं के साथ साझा किया और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए. संगीता के साथ जुड़ी हुई 100 से अधिक महिलाएं आज उनके प्रशिक्षण के साथ घर से ही काम कर रही हैं. ये महिलाएं अगरबत्ती, डब्बे समेत कई अन्य प्रोडक्ट तैयार करती हैं, जिन्हें बाजार में बेचने का तरीका संगीता सिखाती हैं. इसके साथ संगीत उन महिलाओं के बने प्रोडक्ट ऑनलाइन सेल के साथ विदेश भेजने की भी तैयारी में है.
रोजगार और आत्मनिर्भरता
संगीता के इस प्रयास ने न केवल उनकी खुद की जिंदगी को बदल दिया, बल्कि कई अन्य महिलाओं की जिंदगी भी बेहतर बनाई. जो महिलाएं कभी आर्थिक रूप से कमजोर थीं, आज वे अपने घर से ही हर महीने 10 हजार रुपए से अधिक की आमदनी कर रही हैं. यह महिलाएं आज न सिर्फ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भी हैं.
प्रेरणा का स्रोत
संगीता पांडे का यह सफर केवल एक व्यवसायी की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस संघर्ष और धैर्य की कहानी है, जो उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए किया. संगीता ने यह साबित कर दिया कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित है. उनके इस प्रयास ने कई महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है, और वे आज गोरखपुर के उन उद्यमियों में से एक हैं, जो समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं.
भविष्य की योजनाएं
संगीता का सपना केवल यहीं तक सीमित नहीं है. वह चाहती हैं कि आने वाले समय में और भी अधिक महिलाएं उनके साथ जुड़ें और आत्मनिर्भर बनें. उनका उद्देश्य है कि उनकी कंपनी और भी बड़े स्तर पर पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करे. इस प्रकार संगीता पांडे की कहानी एक प्रेरणादायक उद्यमी की है, जिन्होंने न केवल खुद को सफल बनाया, बल्कि अन्य महिलाओं के जीवन में भी एक नई रोशनी लाई.
Tags: Hindi news, Local18, Success Story
FIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 12:43 IST
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