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एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित राजू सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वे प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे। इन फर्जी दस्तावेजों को उनके पिता सुजान सिंह ने तैयार कराया था। इसकी शिकायत एक महिला घुड़सवार ने भोपाल के एमपी नगर थाने में की थी
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पुलिस के मुताबिक, रितु श्रीवास्तव (50) अरेरा कॉलोनी में रहती हैं। उन्होंने विगत 9 अगस्त को शिकायती आवेदन में बताया कि सुजान सिंह के द्वारा अपने बेटे राजू का कूटरचित जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर उसका उपयोग पासपोर्ट बनवाने में किया है। इस जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर सुजान ने बेटे राजू सिंह को विभिन्न राष्टि्य-अन्तर्राष्ट्रीय घुड़सवारी कि स्पधार्ओं में सम्मिलित कराया है।
मार्कशीट और पासपोर्ट में आयु अलग-अलग
रितु ने पुलिस को दिए शिकायती आवेदन में लिखा कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर राजू सिंह नेपासपोर्ट बनवाया है। उन्होंने शासकीय माध्यमिक विध्यालय पचेरा जिला भिंड में अध्ययन किया है। राजू सिह ने एडमीशन लेते समय अपनी जन्म तिथि 12.12.2001 लेख करायी थी, इस स्कूल में वर्ष 2015 तक अध्ययन किया और वर्ष 2015 में कक्षा 8 वीं तक पढ़ाई करने के बाद टीसी लेकर दयानंद आर्य वैदिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीटी नगर भोपाल में प्रवेश लिया।
राजू सिंह ने प्रवेश लेते समय अपनी जन्म तिथि 12.12.2001 ही लेख कराई है। उपरोक्त शैक्षणिक दस्तावेज के अनुसार वर्ष 2015 में राजू सिंह की आयु 14 वर्ष पूर्ण हो चुकी थी। राजू सिंह 12.12.2001 लेखबध्द करायी और अपना पासपोर्ट जन्म तिथि 12.12.2005 लेख करायी है। राजू सिंह द्वारा अपनी आयु को कम करके मात्र इसलिए बताया गया कि ताकि वह अधिक आयु का होने के बाद भी कम आयु वर्ग का दर्शा कर लाभ ले सके।
प्रतियोगिताओं के दौरान मिली थी जानकारी
फरियादी रितु श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी अनुष्का श्रीवास्तव का चयन वर्ष 2017 में घुड़सवारी केन्द्र में हुआ था। बेटी के साथ ही वे स्वयं भी घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में जाती थी। घुड़सवारी एक ऐसा खेल है, जिसमें महिला व पुरुष एक साथ खेलते हैं। महिला व पुरुष एक साथ प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
इस दौरान रितु को जानकारी लगी के भिंड निवासी राजू सिंह ज्यादा उम्र के होने के बावजूद कम उम्र के दस्तावेज बनवाकर खेल रहा है। मामले में कोच को भी अवगत कराया गया था। कोई एक्शन नहीं हुआ तब थाने में शिकायत की।
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