मध्यप्रदेश

Nagchandreshwar Darshan Live: Just Two Hours Left, Doors Of Lord Nagchandreshwar Will Open Again – Amar Ujala Hindi News Live

11:30 PM, 08-Aug-2024


नागचंद्रेश्वर के दर्शन को लगी कतारें
– फोटो : अमर उजाला

दूर-दूर से पहुंचे भक्त

श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर के बाहर खड़े हुए हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ रात की 12 बजने का इंतजार है। रात की 12 बजते ही सबसे पहले मंदिर में विशेष पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर पाएंगे। कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करने वाले श्रद्धालु दूर-दूर से यहां भगवान के दर्शन करने पहुंचे हैं।

विश्व की एक मात्र प्रतिमा

नागचंद्रेश्वर मंदिर की पूजन व्यवस्था परंपरा अनुसार, महानिर्वाणी अखाड़े के अधीन है। अखाड़े के गादीपति महंत विनीत गिरि महाराज बताते हैं मंदिर के अग्रभाग में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर की मूर्ति अत्यंत दुर्लभ है। यह एक मात्र श्री विग्रह है, जिसमें सर्पासन पर भगवान शिव पार्वती, गणेश, कार्तिकेय सहित पूरा शिव परिवार विराजित है। भगवान शिव का वाहन नंदी और माता पार्वती का वाहन सिंह भी दृष्टिगोचर होते हैं। ऊपर सूर्य व चंद्रमा भी अंकित हैं। भगवान शिव के गले में भुजंग लिपटे हुए हैं। इस प्रकार की मूर्ति विश्व में दूसरी देखने को नहीं मिलती है। 

11:00 PM, 08-Aug-2024

अधिकारियों ने देखी नागपंचमी पर्व की दर्शन व्यवस्था 

अधिकारियों ने प्रशासनिक अमले के साथ नागपंचमी पर्व की दर्शन व्यवस्था का जायजा लिया। अधिकारियों द्वारा नागपंचमी पर्व पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए निर्धारित किए गए पार्किंग स्थल (कर्कराज मंदिर के पास) का अवलोकन किया गया। नागपंचमी पर्व पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए अलग लाइन लगी और भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए अलग लाइन लगाई गई। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए प्रवेश मार्ग का अवलोकन अधिकारियों द्वारा किया गया। अधिकारियों द्वारा सामान्य दर्शन और वीआईपी दर्शन के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। 

10:48 PM, 08-Aug-2024


आज रात 12 बजे खुलेंगे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पद।
– फोटो : अमर उजाला

11वीं शताब्दी की प्राचीन प्रतिमा

हिंदू धर्म में नागों की पूजा का महत्व सदियों पुराना है। कई लोग नागों को भगवान का आभूषण मानने हैं, देश में नागों के कई मशहूर मंदिर भी हैं। उन्हीं में से एक है उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर, जो महाकाल मंदिर के तीसरी मंजिल पर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसे वर्ष में केवल एक दिन, नागपंचमी के अवसर पर दर्शन के लिए खोला जाता है। माना जाता है कि नागराज तक्षक स्वयं इस मंदिर में विराजमान हैं। इसी कारण, मंदिर को केवल नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है और नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक प्राचीन प्रतिमा है, जिसे नेपाल से लाया गया था। इस प्रतिमा में भगवान शिव अपने परिवार के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजमान हैं, जो इस मंदिर को और भी विशेष बनाती है।

10:33 PM, 08-Aug-2024


नागचंद्रेश्वर मंदिर का यह दरवाजा साल में एक बार एक दिन के लिए खुलता है।
– फोटो : अमर उजाला

इस व्यवस्था से मंदिर पहुचेंगे श्रद्धालु

नागपंचमी के लिए जिला प्रशासन श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति एवं जिला पुलिस की ओर से इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। नागचन्द्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए इस बार आगंतुक समस्त श्रद्धालु भील समाज धर्मशाला से प्रवेश कर – गंगा गार्डन के समीप से – चारधाम मंदिर पार्किंग स्थल जिगजेग- हरसिद्धी चैराहा – रूद्रसागर के समीप से – बड़ा गणेश मंदिर – द्वार नम्बर 04 अथवा 05 के रास्ते – विश्रामधाम – एरोब्रिज से होकर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर जी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। दर्शन उपरांत एरोब्रिज के द्वितीय ओर से रेम्प- मार्बल गलियारा – नवनिर्मित मार्ग से – द्वार क्रमांक 04 के सम्मुख से – बड़ा गणेश मंदिर – हरसिद्धि चैराहा – नृसिंह घाट तिराहा होते हुए पुनः भील समाज धर्मशाला पहुंचेंगे। 

10:15 PM, 08-Aug-2024

Nagchandreshwar Darshan LIVE: घंटेभर बाद खत्म होगा सालभर का इंतजार, 12 बजते ही खुलेगा नागचंद्रेश्वर मंदिर

बस दो घंटे का समय और शेष है, जिसके बाद विश्व के एकमात्र नागचन्द्रेश्वर मंदिर जो कि वर्ष में सिर्फ एक बार खोला जाता है। उसके पट भक्तों के दर्शन के लिए शुरू हो जाएंगे। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की कतार अभी से लगने लगी है, जो कि रात 12 बजने का इंतजार कर रहे हैं। रात 12 बजते ही महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि इस मंदिर के द्वार खोलेंगे और श्री महाकालेश्वर मंदिर के तृतीय तल पर विराजमान भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा और शिवलिंग का पूजन-अर्चन करेंगे। 

दुर्लभ है यह प्रतिमा

श्री महाकालेश्वर मंदिर के तीसरे तल पर भगवान नागचंद्रेश्वर का अति प्राचीन मंदिर है, जहां भगवान नागचंद्रेश्वर की अत्यंत दुर्लभ प्रतिमा वर्षों से विराजमान है। इस प्रतिमा के बारे में बताया जाता है कि यह प्रतिमा एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती के साथ भगवान शेषनाग की शय्या पर विश्राम कर रहे हैं। इस प्रतिमा में भगवान श्री गणेश भी विराजमान है। मंदिर में इस प्रतिमा के साथ ही शिवलिंग के रूप में भी एक प्रतिमा विराजमान है जिनका भी इस दिन पूजन-अर्चन कर दर्शन किया जाता है। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनित गिरि महाराज ने बताया कि आज रात 12 बजे मंदिर के पट पूजन-अर्चन के बाद खोले जाएंगे। इसके बाद दर्शनार्थी भगवान के दर्शनों का लाभ लेंगे और यह 9 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे। महंत विनीत गिरि महाराज ने बताया कि मंदिर में त्रिकाल पूजा का भी बड़ा महत्व है। रात्रि को मंदिर के पट खोलने के बाद भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। दोपहर को शासकीय पूजन भी होगी। इसे श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों के द्वारा करवाया जाएगा। 


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!