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महाकालेश्वर की श्रावण, भादौ में निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त को निकाली जाएगी। इसमें पहली बार एक साथ 1500 से ज्यादा भक्त डमरू बजाकर शिव स्तुति करेंगे। साथ ही सवारी में पालकी के आगे निमाड़ अंचल के जनजातीय कलाकार काठी
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महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर मनमहेश और गरूड़ रथ पर श्री शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। महाकाल सवारी तय समय शाम 4 बजे मंदिर से निकाली जाएगी। इसके पहले सुबह 11 बजे त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम पहुंच मार्ग शक्ति पथ पर 1500 डमरू वादक भस्मआरती की धुन पर डमरू वादन कर विश्व कीर्तिमान रचेंगे। इसके बाद सवारी मार्ग पर चलित प्रस्तुति दी जाएगी। रामघाट पर यह अलग-अलग दल में बंट जाएंगे। भोपाल और उज्जैन के डमरू वादक के दलों को महाकाल प्रबंध समिति की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है। रविवार कोइसकी फाइनल रिहर्सल की गई।
मुख्य द्वार पर सलामी देंगे सशस्त्र पुलिस बल के जवान
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि सवारी निकालने से पहले महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान चंद्रमौलेश्वर को पालकी में विराजमान करवाएंगे।
मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे। सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई शिप्रा तट पहुंचेगी। जहां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंचेगी।
निमाड़ का काठी नृत्य दल पालकी के आगे देगा प्रस्तुति
सवारी का सीधा प्रसारण श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज पर भी किया जाएगा। सवारी में निमाड़ अंचल के पारंपरिक लोकनृत्य काठी नृत्य दल पालकी के आगे भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए शामिल होगा। काठी नृत्य निमाड़ अंचल का पारंपरिक प्रसिद्ध लोकनृत्य है। इस नृत्य की शुरुआत देवप्रबोधिनी एकादशी से होती है। उप मुख्यमंत्री देवड़ा आज सवारी में होंगे शामिल : उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा सोमवार को दोपहर 12 बजे शहर पहुंचेंगे। दोपहर 2.15 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजन-अर्चन करेंगे और सवारी में शामिल होंगे।
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