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दमोह में दो स्वास्थ्य कर्मियों ने एक गर्भवती महिला की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हुए उफनते नाले में छलांग लगा दी। मामला दमोह जिले का है। जहां रात भर हुई बारिश के कारण नदी नाले उफान पर आ गए।
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दरअसल हटा के पास पाटन गांव का जंगली नाला भी उफान पर आ गया। आज यानी रविवार सुबह इसी गांव की एक महिला गीता यादव को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महिला के पति महेश यादव ने एंबुलेंस बुलाई लेकिन नाला उफान पर होने के कारण वह गांव तक नहीं आ सकी। जब ये खबर स्वास्थ्य अधिकारियों तक पहुंची तो वो एसडीआरएमएस की टीम के साथ महिला का रेस्क्यू करने गांव पहुंच गए।
यहां रेस्क्यू की तैयारी में देर लग रही थी और उधर अंतरा फाउंडेशन के प्रभारी धीरेंद्र गर्ग और एक क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मचारी देवेंद्र ठाकुर महिला के स्वास्थ को लेकर चिंतित थे। इस वजह से दोनों उफनते नाले में कूद गए। जिससे समय पर महिला का हेल्थ परीक्षण हो सके। गनीमत रही कि गांव के आदिवासियों ने नाले के दोनों तरफ रस्सी बांध रखी थी। जिसके सहारे दोनों पानी के तेज बहाव से बच गए।
महिला से जुड़ी खबर मीडिया से उजागर हुई, तो हटा सीबीएमओ उमाशंकर पटेल, अंतरा फाउंडेशन प्रभारी धीरेंद्र गर्ग और हटा एसडीएम राकेश मरकाम तत्काल एक्शन मोड में आए और एसडीआरएफ टीम को लेकर गांव पहुंच गए। पूरे सुरक्षा इंतजाम के साथ महिला को गांव से रेस्क्यू कर एंबुलेंस से हटा अस्पताल भिजवाया गया।
महिला की चिंता थी, इसलिए जोखिम उठाया
अंतरा फाउंडेशन प्रभारी गर्ग ने बताया कि महिला सुबह से पीड़ा से जूझ रही है। उन्हें डर था कि कहीं कोई जोखिम न हो जाए। रेस्क्यू टीम अपना काम कर रही थी, लेकिन महिला का स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक था। मेरे साथ एक नर्स थी जो नाला पार करके वहां नहीं जा सकती थी, इसलिए मैंने जोखिम उठाया ताकि महिला का स्वास्थ्य परीक्षण हो सके। महिला का तीसरा प्रसव है। इसके पहले दो प्रसव हो चुके हैं, दोनों शिशुओं की मौत हो चुकी है और वह दोनों प्रसव ऑपरेशन से हुए थे, इसलिए महिला का मामला काफी गंभीर था।
हटा सीबीएमओ पटेल ने बताया की पाटन गांव में महिला को प्रसव पीड़ा हुई थी। सुबह पता चला की नाला उफान पर है, जिससे एंबुलेंस गांव नहीं पहुंच पा रही। उन्होंने नगर के एसडीएम से बात की और उसके बाद वह यहां रेस्क्यू करने आ गए। महिला को सुरक्षित अस्पताल पहुंचा दिया गया है। एसडीएम राकेश मरकाम ने बताया कि प्रसव पीड़ा की जानकारी मिली थी। इसके बाद हम गांव पहुंचे और एसडीआरएफ की मदद से महिला को नाला पार कराया है।एंबुलेंस के माध्यम से उसे हटा अस्पताल भिजवा दिया गया है जहां वह पूरी तरह सुरक्षित है।

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