[ad_1]

नटेरन सीएचसी अस्पताल में करीब 10 सालों से निजी एम्बुलेंस वाहन नहीं है। इसके अंतर्गत लगभग 120 गांव आते हैं। एंबुलेंस न होने के कारण क्षेत्र के मरीजों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं नटेरन सीएचसी स्तर पर एक 108 एंबुलेंस है। 108 एं
.
ग्रामीणों ने बताया नटेरन की जो 108 एंबुलेंस है, उसे नटेरन क्षेत्र में ही चलना चाहिए जबकि नटेरन 108 एंबुलेंस पता पड़ा कभी खुरई कभी लटेरी कवि सिरोंज तो कभी बासौदा। नटेरन ब्लॉक मुख्यालय पर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं है। एंबुलेंस होना बहुत आवश्यक है, क्षेत्र की जनता ने शमशाबाद विधायक सूर्य प्रकाश मीणा से नटेरन अस्पताल में एंबुलेंस की व्यवस्था कराने की मांग की है।
वहीं, नटेरन भाजपा मंडल अध्यक्ष सचिन तिवारी ने बताया कि विगत 8 दिन पहले नरखेड़ा घाट की एक आदिवासी महिला की मौत हो गई थी, जिसका शव अस्पताल में ही रखा था, लेकिन एंबुलेंस ना होने के कारण बेचारे गरीब व्यक्ति को प्राइवेट वाहन से उसका शव अपने घर ले जाना पड़ा।
10 साल से विदिशा में रखी एंबुलेंस
जानकारी मिली है कि 10 साल पहले नटेरन अस्पताल की एंबुलेंस सुधरने के नाम से विदिशा गई थी जो कि आज तक नहीं लौटी। एंबुलेंस ना होने के कारण ग्रामीण अंचलों में मरीजों के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली या जीप मोटरसाइकिल से ही नटेरन अस्पताल में लाना पड़ता है।
वहीं, मामले को लेकर नटेरन बीएमओ डॉक्टर नीतू राय से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जब से मैं नटेरन अस्पताल में बीएमओ के चार्ज पर हूं, तब से मुझे एंबुलेंस नहीं दिखी।
[ad_2]
Source link



