Malayali community performed Thila Homam in memory of their ancestors | मलयाली समाज ने पूर्वजों की याद में किया थिला होमम: अय्यप्पा मंदिर बरखेड़ा एवं श्रीमद लॉर्ड कृष्णा खजूरी कलां में विशेष अनुष्ठान – Bhopal News

पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए अय्यप्पा मंदिर बरखेड़ा एवं श्रीमद लॉर्ड कृष्णा खजूरी कलां में विशेष थिला होमम एवं पितृ पूजा का आयोजन शनिवार को किया गया। थिला होमम (हवन) एक वैदिक अनुष्ठान है, जिसे ‘तिल’ या ‘एल्लू’ के साथ किया जाता है ताकि प
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समिति के सदस्य निदिश नायर ने बताया कि यह अनुष्ठान मलयालम कैलेंडर के अनुसार कर्किडकम महीने की पूर्णिमा के दिन किया जाता है। अनुष्ठान पुजारी की देखरेख में किया गया, इसमें घास, तिल, पके हुए चावल, केले के पत्ते, पानी और घास से बनी एक अंगूठी जिसे ‘पवित्रम’ कहा जाता है का उपयोग किया गया। यह दिन राज्य में हिंदुओं के लिए पवित्र दिन है। इसे देवताओं की रात माना जाता है। ‘वावु बलि’ मनाकर वे मृतकों को मोक्ष प्रदान करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। इस दिन केरल के अधिकांश घरों में ‘वावु अडा’ नामक उबले हुए चावल की एक विशेष रेसिपी बनाई जाती है।

अय्यप्पा मंदिर में 400 लोगों ने थिला होमम को बुक किया एवं कृष्णा मंदिर में 330 लोगों ने बलि तर्पण एवं थिला होमम को बुक किया था।
अनुष्ठानों का महत्व
- पितृ पूजा : अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने, उनकी क्षमा और आशीर्वाद मांगने का एक समारोह।
- थिला होम : पूर्वजों की आत्माओं को किसी भी अधूरी इच्छा या पाप से मुक्त करने के लिए तिल के साथ किया जाने वाला एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान।
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