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एक स्थान पर मंदिर बन रहा था उधर से एक संत निकले और उन्होंने वहां पर काम करने वाले मजदूरों में से एक मजदूर को बुलाया और पूछा क्या कर रहे हो? तो उसने संत को टका सा जबाब दिया, दिखता नहीं क्या, पत्थर तोड़ रहा हूं। संत आगे बढ़े और उन्होंने दूसरे मजदूर को ब
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उक्त विचार मुनि प्रमाण सागरजी महाराज ने रेसकोर्स रोड स्थित मोहता भवन में अपने प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन व्यव्हार में प्रशंसा, प्रतियोगिता, प्रतिष्पर्धा, प्रतिदंद्वता सामने आती है। हर व्यक्ति प्रशंसा तो चाहता है लेकिन वह प्रशंसनीय कार्य नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि प्रशंसा चाहने से नहीं मिलती प्रशंसनीय कार्य करने से मिलती है, जो लोग प्रशंसा सुनने के भूखे होते हैं, उन लोगों की आलोचना होती है, यदि आप चाहते हैं कि लोग आपकी प्रशंसा करें तो पहले दूसरों की प्रशंसा करना एवं उनकी प्रशंसा सुनना सीखो जो औरों की प्रशंसा करने को तत्पर रहता है तथा दूसरों की प्रशंसा सुनने का भाव रखता है। उसके जीवन में सकारात्मकता आ रही है।

धर्मसभा में मौजूद समाजजन।
4 अगस्त को युवाओं के लिए होगा विशेष सत्र
धर्म प्रभावना समिति एवं प्रचार प्रमुख राहुल जैन (स्पोर्ट्स), नवीन-आनंद गोधा एवं हर्ष जैन ने बताया कि रेसकोर्स रोड मोहता भवन में सुबह के सत्र में प्रवचनों की अमृत वर्षा हो रही हैं तो वहीं और शाम को मुनिश्री शंका समाधान शिविर में सभी की जिज्ञासाएं शांत कर रहे हैं। प्रवचन के दौरान समिति अध्यक्ष अशोक-रानी दोषी, कार्याध्यक्ष धर्मेंद्र जैन, मनोज बाकलीवाल, सुनील बिलाला, योगेंद्र सेठी, रमेश जैन, भरत-कुसुम मोदी, अनामिका बाकलीवाल, मुकेश-विजय-संजय पाटौदी, पवन सिंघई, जिनेश झांझरी, विशाल जैन (नसिया) एवं अनिल बांझल (उदय नगर) सहित बड़ी संख्या में समाज बंधु मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अशोक भैया एवं अभय भैया द्वारा किया गया। मीडिया प्रभारी राहुल जैन एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया रविवार 4 अगस्त को प्रात: का प्रवचन और युवा वर्ग के लिए विशेष सत्र रहेगा, जिसमें पिछले 15 दिन के मोटिवेशन का सारांश रहेगा। यह सत्र सुबह 8.25 से शुरू होकर दो घंटे का रहेगा।
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