485 किलोमीटर का जम्मू का वह इलाका… जहां पाकिस्तानी आतंकी घुसे तो अब खैर नहीं! यह है सरकार का प्लान

जम्मू/नई दिल्ली: पाकिस्तान से सटा जम्मू का 485 किलोमीटर का इलाका ऐसा है जहां अक्सर पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ होती पाई जा रही है. यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है जिसके चलते सीमा पार सुरंगों के लिए यह सेंसिटिव जोन है. अब सरकार इस इलाके को लेकर ऐसा प्लान बना चुकी है कि यदि वहां किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि हुई तो आतंकवादियों की खैर नहीं. केंद्र सरकार ने जम्मू के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान तैयार कर लिया है.
दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,विशेष अभियान समूह (SOG) के साथ 75 से अधिक शिविर यहां स्थापित किए जा चुके हैं. ये ट्रेडशिनल रूप से इस्तेमाल होने वाले और अन्य कई प्रकार के हथियारों के साथ ग्राम रक्षा समितियों (VDC) को नियमित प्रशिक्षण देंगे. अब सुरंगों पर पहले से अधिक ध्यान दिया जाएगा और बीएसएफ की तैनाती बढ़ाई जाएगी.
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लोकल पशु व्यापारियों से इस प्रकार लेते हैं मदद…
आतंकवादियों को रसद मुहैया कराने में जिन लोगों के शामिल होने का शक था, उनका कहना है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पाकिस्तान के 30-40 लोगों का एक समूह जम्मू में घुसपैठ कर चुका है और कठुआ, डोडा, उधमपुर, किश्तवाड़ और सांबा के जंगलों में छिपा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र बताते हैं कि उनके संपर्क में आने वाले ज्यादातर लोग लोकल पशु व्यापारी हैं. वे उनकी डीटेल लेते हैं और उन्हें 500-1,000 रुपये देते हैं… सात दिनों के लिए खाना पीना पैक करवा लेते हैं.
गांव के लोगों को दी जाएगी ट्रेनिंग…
सूत्रों के मुताबिक यह रिपोर्ट कहती है कि आतंकवादी पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल करने के लिए गांव के लोगों के पर्सनल फोन से हॉटस्पॉट कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं. इसलिए अब ग्रामीणों को समझाया जाएगा कि इंटरनेट हॉटस्पॉट या वाईफाई पासवर्ड अजनबियों से न बांटे. यदि ऐसा किया तो सजा दी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 18:10 IST
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