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धार और इंदौर काे गुजरात से सीधी जोड़ने वाली छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना की अड़चनें समाप्त हाे रही है। बजट ताे कभी जमीन की अड़चन काे लेकर परियोजना 16 साल से उलझती रही। हालांकि अब धार और आलीराजपुर जिले की 244 हेक्टेयर वन भूमि काे लेकर पर्यावरण, वन एवं
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तत्कालीन आलीराजपुर कलेक्टर ने 2017 में वन भूमि काे राजस्व की बताकर रेलवे काे अलॉट कर दी थी। पेंच फंसने से रेलवे काे नए सिरे से प्रक्रिया करना पड़ी। गलत रिपोर्ट देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है।
धार जिले में 39 गांवाें की 237.385 हेक्टेयर और आलीराजपुर की 6.654 हेक्टेयर वन भूमि पर यह परियाेजना आकार लेगी। दरअसल, 2008 में इस परियाेजना की नींव रखी थी। 157 किमी लंबी परियाेजना काे अब नए अलाइनमेंट के अनुसार धार के समीप माफीपुरा की बजाय तिरला में इंदाैर-दाहाेद रेलवे लाइन से लिंक करने से 12 किमी की लंबाई घट जाएगी।
इससे रेलवे काे जमीन अधिग्रहण के साथ कंस्ट्रक्शन व रेल लाइन डालने की राशि बचेगी। आलीराजपुर जिले में सेजा में मुख्य स्टेशन व इसके आगे चौंगनवाट, खंडाला, दूदलवाट व जोबट तहसील के बलदमूंग, चमारवेगड़ा गांवों में पटरी बिछाई जा चुकी है। जोबट, बोरी होते हुए लाइन गंधवानी, कुक्षी तहसील के गांवाें से हाेकर धार तक पहुंचेगी।
टांडा से धार के बीच 57 किमी के सेक्शन में हाेना है काम
टांडा राेड स्टेशन, डेकाकुंड वाले हिस्से में काम हाेने के बाद रेलवे ने काेदी-जामनिया के बीच पुल-पुलिया के लिए भी टेंडर खाेल दिया है। टांडा-जामनिया के बीच 9 बड़े ब्रिज प्रस्तावित है। धार से टांडा के बीच 57 किमी के सेक्शन में काम हाेना है। देरी की वजह से 2007-08 में इस परियाेजना की लागत 570 कराेड़ रुपए थी। 2012 में 1794 कराेड़ हाेकर 12 साल में यह बढ़ते हुए अब 2500-3000 कराेड़ रुपए हाे गई। हालांकि 75 किमी के सेक्शन में 1200 कराेड़ रुपए खर्च किए जा चुके है। डेकाकुंड से टांडा राेड के बीच 27 किमी में काम जारी है। अब धार जिले के बचे हिस्से में काम हाेना है।
तीन तहसीलाें में ये जमीन हाेना है अधिग्रहित
कुक्षी के 13 गांव की 118.541 हेक्टेयर के 13 में से 10 प्रकरण में ऑवार्ड हुआ। 5 प्रकरण में धारा 11 का प्रकाशन किया। गंधवानी के 18 गांव की 122.151 हेक्टेयर के लिए 18 में से 16 प्रकरण में धारा 11 का प्रकाशन किया है। धार के 9 गांव की 44.563 हेक्टेयर जमीन के 9 में से 7 प्रकरण में धारा 11 का प्रकाशन किया जा चुका। हालांकि इन प्रकरणाें में अगस्त 2023 से जनवरी 2024 तक की प्रक्रिया के बीच रेलवे ने 284.925 कराेड़ की राशि रिलीज भी की है। गंधवानी तहसील के कालूखेड़ी और चुनप्या में किसानाें ने मुआवजे काे लेकर आपत्ति लगाई थी। इसका भी निराकरण किया जा रहा है।
^छाेटा उदयपुर से आलीराजपुर तक काफी काम हाे चुका है। बचे हिस्से में पेंच फंसने से नए सिरे से अनुमति लेना पड़ी। धार जिले में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई जारी हाेकर अधिकांश प्रकरणाें में मुआवजा राशि भी जारी कर दी है। -प्रदीप शर्मा, पीआरओ, वडोदरा रेल मंडल
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