[ad_1]
भिंड जिले के अटेर थाना अंतर्गत परा गांव में सरकारी तालाब बेचकर खेती के लिए समतलीकरण किया जा रहा था। इस दौरान पेड़ों की कटाई की जा रही थी, तभी यह शिकायत एसडीएम कार्यालय में की गई। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया।
.
दरअसल मामला यह है कि वर्ष 2005-06 में जल संसाधन विभाग द्वारा सरकारी व पड़त भूमि अधिग्रहण करके एक तालाब का निर्माण परा गांव में कराया था। इस तालाब के माध्यम से 15 से 20 किसानों के खेतों में हर साल सिंचाई हुआ करती थी। पिछले दिनों इस तालाब की भूमि निजी बताकर बेच दी गई है।
यह तालाब की जगह बेचे जाने पर उक्त खरीदारों द्वारा भूमि का समतलीकरण और पेड़ों की कटाई किए जाने का काम कराया जा रहा था। इस बात की शिकायत कलेक्टर से की गई थी। इसके बाद भी यह काम नहीं रुक तो पुलिस बुलाई गई। इस पूरे मामले में लिखित आवेदन एसडीएम कार्यालय में दिया गया है।

सरकारी तालाब की जगह का समतलीकरण।
यह शिकायत परा गांव के रहने वाले समाजसेवी नमो नारायण दीक्षित द्वारा की गई। शिकायत कर्ता ने दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए बताया कि कुछ माफिया द्वारा यह तालाब की जगह खरीदी गई जो कि नियम विरुद्ध है। इस बात की शिकायत मैंने एसडीएम कार्यालय में की है इसी तरह की शिकायत कलेक्टर से भी की है।
यह तालाब की जगह बिकने पर मेरी व मेरे पड़ोसी किसानों के सिंचाई का साधन खत्म हो जाएगा क्योंकि यह तालाब पूर्णता सरकारी है जिस समय जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसे समय पड़त भूमि के मालिकों से भी जन संसाधन विभाग ने अनुमति ले ली थी। इस तरह गलत तरीके से तालाब की जगह को खरीदा गया है।
[ad_2]
Source link



