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बुधवार 17 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान जैन संत किसी एक जिनालय, मंदिर या आश्रम में रहकर ज्ञान, दर्शन, चरित्र और तप की आराधना करते हैं। वे एक ही स्थान पर रहकर जप-तप करते हैं और चातुर्मास के नियमों का पालन करते हैं। इसी के चलते ब्रह्मल
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वहीं गुरूमति माता जी एवं आर्यिका माँ दृढ मति सहित ससंघ को आहार देने का सौभाग्य समाज की सदस्य नेहा जैन, विभोर जैन, शशिकाला जैन,अजीत जैन,स्वाति जैन, हिमांशु जैन, शशिकांता जैन, एन सी जैन, अजित पंत पिंक सिटी, सीमा अजय जैन, किरण जैन-अरविंद जैन, कल्पना जैन, नेमचंद जैन (बंडा वाले), सारिका जैन, मनीष जैन को प्राप्त हुआ।
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