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जबलपुर की सिहोरा तहसील में दो युवको की अचानक ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों युवकों ने दुकान से शराब खरीदी और फिर उसे पीने के बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई। एक युवक की जहां शराब पीने के बाद मौके ही मौत हो गई, जबकि दूसरे ने अस्पताल में जाकर दम तो
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जानकारी के मुताबिक सिहोरा थाना के ग्राम गुरजी में धान रोपने का काम चल रहा है। लमकना गांव से करीब 20 लोग काम के लिए आए हुए थे, जिसमें कि मृतक धर्मेंद्र और आकाश भी शामिल थे, दोनों ने दिन भर रोपा लगाने का काम किया और फिर दोपहर बाद धर्मेन्द्र चौधरी (33) व उसका दोस्त आकाश(27) शराब पीने दुकान चले गए। दोनों ने दुकान के पास में ही बैठकर देशी शराब पी और इसके बाद फिर से काम करने के लिए खेत आ गए। करीब दो घंटे काम करने के बाद दोनों पुन शराब के ठेके पर गए और पास में ही बैठकर जमकर शराब पी। शराब पीने के करीब आधे घंटे बाद दोनों की अचानक ही तबीयत बिगड़ी और बैठे-बैठे ही दोनों बेहोश हो गए। आसपास शराब पी रहे लोगों ने जब धर्मेन्द्र और आकाश को जमीन पर पड़े देखा तो शराब दुकान संचालक को सूचना दी। 108 को फोन कर मौके पर बुलाया तो जानकारी लगी कि धर्मेन्द्र की मौत हो गई है जबकि आकाश ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया।
मृत धर्मेंद्र के पिता रज्जन सिंह गांव के ग्रामीणों के साथ शराब दुकान पहुंचे, पीछे-पीछे सिहोरा थाना पुलिस भी पहुंच गई। मृतकों के परिवार वालों को संदेह है कि जो शराब धर्मेंद्र और आकाश ने पी है वो जहरीली थी, जिस वजह से उनकी मौत हो गई है। मृतक के पिता का कहना है कि उनका बेटा शराब पहले भी पीता था, पर उसको कोई बीमारी नहीं थी, और शराब पीने से मौत आखिर कैसे हो गई। उन्होंने संदेह जाहिर किया है कि शासकीय शराब दुकान से खराब शराब बेची जा रही है। रज्जन सिंह ने पुलिस-प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच करवाई जाए, क्योंकि हो सकता है कि कल किसी और की मौत शराब पीने से हो जाए। इधर घटना को लेकर एसडीओपी पारुल शर्मा का कहना है कि पीएम करवाने के बाद दोनों के बिसरा को प्रिजर्व किया गया है। जांच की जा रही है।
राज्य सरकार ने करीब एक साल पहले प्रदेश के सभी आहातों को बंद कर दिया है। इसके बाद भी शराब दुकान के आसपास अवैध रूप से आहते चल रहे है। जबलपुर जिले में करीब 200 शराब दुकान वर्तमान में संचालित हो रही है, हालात यह है कि हर दुकान के आसपास अवैध रुप से अहाते पुलिस के संरक्षण में चल रहे है। शराबी वहां पर बैठकर शराब पी रहे है। यह जानकारी आबकारी विभाग के साथ-साथ स्थानीय पुलिस को भी है, इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती। शाम होते ही शराब दुकान के आसपास मेला लग जाता है। शराब ठेकेदार के कर्मचारी दुकान के आसपास ही बैठकर शराब पीने की व्यवस्था करवा देते है। लिहाजा धुत होकर लोग शराब पीते है।
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