कोलकाता हाईकोर्ट का CM ममता बनर्जी को आदेश, तुरंत बंद करना होगा ये काम, राज्यपाल की शिकायत पर एक्शन

राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया है. कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले में अंतरिम आदेश मंगलवार को जारी किया.बंगाल सरकार और राज्यपाल के बीच संबंध इस वक्त बेहद खराब हैं.
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और राज्य की टीएमसी सरकार के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को मानहानि से जुड़े मामले में राज्यपाल को सी.वी. आनंद बोस राहत प्रदान की. हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तीन अन्य को राज्यपाल के खिलाफ कोई भी अपमानजनक या गलत बयान देने से रोक दिया है. यह अंतरिम रोक केवल 14 अगस्त तक जारी रहेगी.
दरअसल, बोस ने सीएम ममता बनर्जी, तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार और पार्टी के नेता कुणाल घोष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने राजभवन की कथित घटनाओं के संबंध में उन्हें आगे कोई भी टिप्पणी करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया. दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर उत्पन्न विवाद पर बनर्जी ने कुछ टिप्पणियां की थीं, जिसपर राज्यपाल ने हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
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बता दें कि बंगाल के राज्यपाल पर कोलकाता पुलिस ने यौन उत्पीड़न का एक मामला भी दर्ज किया है. इस मामले को टीएमसी सरकार लगातार तूल देती नजर आ रही हैं. वहीं, राज्यपाल का आरोप है कि सरकार के इशारे पर यह मुकदमा दर्ज कराया गया है. उन्होंने इस मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया. ममता बनर्जी इस मामले में कई मौकों पर सी.वी. आनंद बोस पर निशाना साधते हुए कह चुकी है कि प्रदेश के राजभवन में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 22:00 IST
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