अनदेखी : BPL सूची में अपात्रो के नाम चौराहों पर चस्पा करे प्रशासन
Abhishek Pateriya, Nowgong



नौगांव / बीपीएल सूची में शामिल अपात्रो के नामों को लेकर बार-बार आ रही है शिकायतों पर जिला कलेक्टर ने कई बार अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि नगर पालिका व ग्रामों में सर्वे कर अपात्र के नाम सूची से हटाया जाए लेकिन जिला कलेक्टर के आदेशों को अधिकारी कर्मचारी व पटवारियों द्वारा तबज्जो नहीं दी जा रही हाल ही में नौगांव नगर पालिका की बीपीएल सूची अपात्रों लोगों को ले कर चर्चा में हैनौगांव ऐसी लगातार शिकायतें आ रही हैं कि नौगांव नगर पालिका की बीपीएल सूची में बड़ी संख्या में कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से अपात्रो के नाम जुड़े हुए हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न है जिसकी वजह से वास्तविक हकदारो तक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है पूरी पारदर्शिता के साथ सर्वे किया जाए तो करीब 40 फ़ीसदी लोगों के नाम कट सकते हैं लेकिन नगरपालिका प्रशासन व एसडीएम अपात्रो के नाम हटाने को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है कि योजनाओं का लाभ उठाकर एपीएल की श्रेणी मैं भी आ गये लेकिन नाम सूची से नहीं हटवा रहे गरीबी सूची में अमीरों के नाम होने से नगर के सैकड़ों परिवारों को राशन नहीं मिल पा रहा है हर महीने में मिलने वाले राशन में 4% की सरकार कटौती कर रही है 4% कटौती के पीछे सरकार का तर्क है कि बीपीएल सूची में कुछ अमीरों के नाम है गरीबों का राशन अमीर ले रहे हैं अमीरों के नाम बीपीएल सूची से हटा दो गरीबों के राशन का कोटा खुद-ब-खुद पूरा हो जाएगा राशन से वंचित परिवार मीडिया के माध्यम से बार-बार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते रहे लेकिन स्थानीय प्रशासन व नगर पालिका अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं पीडीएस दुकान से राशन नहीं मिलने की शिकायतें भी आ रही हैं सूत्र बताते हैं कि पूर्व जन प्रतिनिधि ने भी बीपीएल सूची में अपने करीबो का नाम जुड़वा दिए थे तो दूसरी ओर कर्मचारियों ने घोर अनियमितताएं कर कई अपात्रों के नाम जोड़े गए हैं इतना ही नहीं जिन लोगों का आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक नहीं है वे भी राशन ले रहे हैं कुछ ऐसे नाम भी है जो नगर से बाहर रहते है स्थिति यह है कि राज्य व केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के लिए लागू योजनाओं का लाभ अपात्र उठा रहे हैं और पात्र दर-दर भटक रहे हैं पूरी पारदर्शिता के साथ बीपीएल की सूची की जांच की जाए तो कई चौंकाने वाले नाम सामने आएंगे करीब 40 फ़ीसदी नाम अमीरों के जुड़े बताए जा रहे हैं जिसमें पूर्व नगरपालिका के कुछ जनप्रतिनिधि ने भी अपने कार्यकाल के दौरान अपात्रो के नाम शामिल कराए जाने की चर्चा आम है लेकिन अधिकारी कर्मचारी अपने ही जिला कलेक्टर के आदेशों को तबज्जो नहीं दे रहे लेकिन वंचित परिवारों ने जिला कलेक्टर से एक बार फिर अपात्रोके नाम हटाए कर पात्रों के नाम बीपीएल सूची में शामिल करने की मांग की है वही नगर के बुद्धिजीवियों ने मांग की है कि बीपीएल की सूची सार्वजनिक कर अपात्रो के नाम चौराहों पर चस्पा करे प्रशासन को तभी समझा जाएगा कि अधिकारियों को गरीबों की वास्तव में चिंता रहती है !