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DAP Crisis: डीएपी खाद के लिए इन राज्यों में सुबह से शाम तक लग रही है लंबी-लंबी लाइनें, फिर सरकार क्यों कह रही है All is Well?

नई दिल्ली. यूपी, बिहार, एमपी और पंजाब जैसे राज्यों के किसानों को डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और एनपीके (एनपीके) खाद को लेकर दिक्कत शुरू हो गई है. किसानों को डीएपी खाद कहीं मिल नहीं रहा है. जहां कहीं मिल भी रहा है तो वह नकली निकल रहा है. वहीं, केंद्र सरकार कह रही है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर पर्याप्त मात्रा में डीएपी (DAP) और एनपीके (NPK)खाद है तो किसानों को मिल क्यों नहीं रहा है? पिछले करीब एक-दो महीने से खासकर पंजाब, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में डीएपी की भारी किल्लत चल रही है. किसानों का कहना है कि 1300 रुपये की डीएपी के लिए वह 1500 रुपये देने के लिए भी तैयार हैं, फिर भी खाद नहीं मिल रहा है.

मानसून आने के बाद किसानों को डीएपी खाद की किल्लत शुरू हो गई है. देश के कई राज्यों में किसानों को खाद लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं तो कहीं मिल ही नहीं रहा है. बारिश के बाद महाराष्ट्र, एमपी, बिहार, पंजाब, यूपी और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द और मूंगफली की फसलों की खेती करने में जुट गए हैं, लेकिन डीएपी और एनपीके खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

DAP खाद की क्यों हो रही किल्लत?
बिहार के बेगुसराय जिले के खोदाबंदपुर ब्लॉक के किसान राघवेंद्र सिंह कहते हैं, ‘पिछले पांच दिनों से बिस्कोमान का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन धान की बुवाई के लिए डीएपी नहीं मिल रहा है. डीएपी की किल्लत से मेरे जैसे सैंकड़ों किसान परेशान हैं. कई किसान तो मजबूरी में बिना डीएपी और एनपीके डाले ही धान की बुवाई शुरू कर दी है.’ यह स्थिति बिहार की नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश के सागर, गुना और शिवपुरी जैसे कई जिलों के किसानों को झेलनी पड़ रही है. मीडियाा रिपोर्ट की मानें तो पंजाब में डीएपी की नकली खाद भी बरामद होने लगे हैं.

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किसान संगठन से जुड़े राहुल कुमार कहते हैं, ‘देश के कई राज्यों में डीएपी खाद की कमी है इससे इंकान नहीं कर सकते. इसकी वजह है कि केंद्र सरकार ने राज्यों का कोटा घटा दिया है. उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश को पहले जहां 2.5 लाख टन मिलता था वह इस बार 1.9 लाख टन ही मिला है. इसी तरह अन्य राज्यों के साथ भी हुआ है. बिहार, पंजाब, यूपी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के कोटे भी घटाए गए हैं. जिस तरह से लगातार कमी की खबर आ रही है इसमें कालाबाजारी से भी इनकार आप नहीं कर सकते. डीएपी खाद की प्रति बैग की कीमत 1300 रुपये है, लेकिन व्यापारी 1650 से लेकर 1700 रुपये तक वसूल रहे हैं. एमपी में तो कई जगहों पर डीएपी को लेकर मारपीट की भी खबर है.’

अधिकारी ऐसे पल्ला झाड़ रहे हैं
वहीं, केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय यह मानने को तैयार नहीं है कि देश में डीएपी की किल्लत है. मंत्रालय के एक अधिकारी से जब न्यूज 18 हिंदी ने बात की तो उन्होंने कहा All is Well. सप्लाई के चलते कुछ राज्यों में थोड़ी बहुत दिक्कतें शुरुआत में हुई लेकिन उसे अब ठीक कर लिया गया है. देश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक हैं. इसलिए थोड़े समय के लिए कहीं भी थोड़ी बहुत जो कुछ परेशानी आ रही थी वह अब ठीक कर लिया गया है.’

Tags: Farmer Agitation, Fertilizer crisis, Haryana Farmers, Modi Govt


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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