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TCS ने अटेंडेंस से जोड़ा एम्‍पलॉयीज का पैसा! हंगामे पर HR चीफ कर रहे लीपापोती, क्‍या है पूरा मामला

हाइलाइट्स

टीसीएस ने वर्क फ्रॉम होम को पूरी तरह खत्‍म कर दिया है. कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने के लिए अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया. अटेंडेंस को वैरिएबल पे से जोड़े जाने से कर्मचारियों में गुस्‍सा है.

नई दिल्‍ली. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज (TCS) आजकल अजीब मुसीबत से गुजर रही है. कंपनी ने कोरोनाकाल के बाद वर्क फ्रॉम होम खत्‍म किया और कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने के लिए पहले तो प्रलोभन दिया और फिर सख्‍ती पर उतर आई. कंपनी ने अपने एम्‍पलॉयीज के वैरिएबल पे को उनके ऑफिस अटेंडेंस से जोड़ दिया. इसके बाद तो जैसे बवाल मच गया. कर्मचारियों का विरोध और मामला बढ़ता देख कंपनी के एचआर हेड को खुद आगे आकर कमान संभालनी पड़ी.

टीसीएस के एचआर ऑफिसर मिलिंद लक्‍कड़ ने पूरे मामले पर लीपापोती शुरू कर दी. उन्‍होंने कहा कि वैरिएबल पे को अटेंडेंस से जोड़ने का मकसद कर्मचारियों को सजा देना नहीं था, बल्कि कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने को लेकर दबाव डालना था. उन्‍होंने कहा, कंपनी का मकसद कामकाज को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाना है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे.

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क्‍या था कंपनी का फरमान
टीसीएस के एचआर हेड भले ही इस कदम को कर्मचारियों के लिए सजा नहीं बता रहे, लेकिन कंपनी की ओर से जारी फरमान देखकर तो अलग ही फीलिंग आती है. टीसीएस की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि जिन कर्मचारियों का अटेंडेंस 60 फीसदी से कम होगा, उन्‍हें तिमाही बोनस यानी वैरिएबल का भुगतान नहीं किया जाएगा. ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई भी की जा सकती है.

70 फीसदी कर्मचारी वापस लौटे
लक्‍कड़ ने पिछले दिनों कहा था कि अब तक कंपनी के 70 फीसदी कर्मचारी वापस ऑफिस लौट चुके हैं. उन्‍होंने कहा, कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाने का मकसद उन्‍हें एक-दूसरे से सीखने का मौका देना और आपसी संबंधों को मजबूती देना है. कंपनी ने कहा था कि उनके 40 फीसदी कर्मचारियों ने कोरोनाकाल में जॉब शुरू की थी और उन्‍होंने कभी ऑफिस देखा ही नहीं. वैरिएबल को अटेंडेंस से जोड़ना हमारी आखिरी कोशिश है कि कर्मचारी वापस ऑफिस लौटें.

40 हजार ट्रेनी की होगी भर्ती
टीसीएस ने 30 जून को समाप्‍त पहली तिमाही में 11 हजार ट्रेनी की भर्ती की और वित्‍तवर्ष खत्‍म होने तक यह संख्‍या 40 हजार पहुंचाने का लक्ष्‍य है. लक्‍कड़ का कहना है कि हमने पिछले साल की बैकलॉग भर्तियों को पूरा कर दिया है. एक ट्रेनी को काम शुरू करने में 12 से 15 सप्‍ताह का समय लग जाता है. लिहाजा हम इस तालमेल को बैठाते हुए भर्तियां कर रहे हैं. हायरिंग का कदम बाजार की जरूरतों के हिसाब से उठाया जाता है और यह पूरे साल की प्‍लानिंग होती है.

Tags: Business news, Employees salary, Ratan tata


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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