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मानसून का सीजन शुरू हुए करीब डेढ़ माह की अवधि पूर्ण होने के बावजूद अब तक बेहतर व सतत बारिश का इंतजार बना हुआ है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में खरीफ सीजन की बोवनी शत प्रतिशत हो चुकी है। वहीं भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिले की औसत बारिश 29.
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कृषि विभाग के अनुसार जिले में इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान प्रस्तावित आंकड़े 2 लाख 38 हजार 855 हेक्टेयर के विरूद्ध 100 प्रतिशत बोवनी हो चुकी है। वहीं भू अभिलेख कार्यालय के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे के दौरान औसत 3.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। राजपुर में सर्वाधिक 19, पाटी में 10 मिमी तथा तीन स्थानों पर हल्की, तो पांच स्थानों पर बादल सक्रिय रहे। जिले में 1 जून से अब तक औसत 196.2 मिमी बारिश हो चुकी है। जबकि बीते वर्ष इस अवधि में 195.2 मिमी बारिश हो चुकी थी।
वैसे कम बारिश व खेंच होने तथा बादलों की मौजूदगी से उमस के चलते बेलवाली साग सब्जियों की फसलों पर संकट छाने लगा है। खरीफ सीजन की फसलों पर भी कीटों के अंडे जमने लगे है। किसान मंशाराम पंचोले के अनुसार गिल्की, खीरा, करेले, मिर्च में वायरस का असर दिखने लगा है। किसान के अनुसार बेल वाली सब्जियों के पत्तों पर पीलापन और अन्य साग सब्जी में वायरस का खतरा मंडरा रहा है। फसल के पत्तों पर कीटों के अंडे फैलने लगे है। साथ ही इल्ली का भी प्रकोप दिखने लगा है। किसानों ने कहा कि तेज बारिश होना चाहिए, ताकि फसलों के पत्तों की भी सफाई हो और सिंचाई लाभ मिले।
जिला कृषि मौसम इकाई के अनुसार जिले में 14 से 17 जुलाई तक आसमान में घने बादल रहने की संभावना है। हवा में सापेक्ष आद्रता सुबह के समय 84 से 89 प्रतिशत तथा दोपहर के समय 57 से 67 प्रतिशत रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 30.4 से 31.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान 22.5 से 23.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इस दौरान 14 से 25 किमी प्रति घंटे से पश्चिमी दिशा की हवा चलेगी। हालांकि जिले में कही-कही हल्की वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञ रविंद्र सिंह सिकरवार ने किसानों से आह्वान किया है कि घने बादल रहने के कारण खेत में लगी फसलों में कीटों का प्रकोप होने की संभावना है। ऐसे में किसान सतत निगरानी रखें। कीट और इल्ली की समस्या होने पर अनुशंसिक दावों का छिड़काव करें। साथ ही खरपतवार नियंत्रण और नमी संरक्षण के लिए डोरा और कुलचा चलाएं।





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